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विश्व किडनी दिवस के मौके पर पति व पत्नी के प्यार की अजीब दास्तां, पत्नी को किडनी देने वाला पति बोला मेरी तो दुनिया ही पत्नी ही, इसलिए किडनी तो कम है, जान भी है हाजिर।

वीरधरा न्यूज़।डेगाना( नागौर)@ श्री महेंद्र कुमावत।

जहां एक तरफ तो आएं दिन पति-पत्नी के बढ़ते घरेलू झगड़ों से लेकर तलाक तक की नौबत आ जाती है तो आएं दिन पुलिस थानों से लेकर महिला आयोग तक पति-पत्नियों की आपसी शिकायतों के किस्से सुनने व देखने को मिलते है वहीं दूसरी ओर पति व पत्नी का अनूठा प्यार, विश्वास, एक दूसरे के साथ ही जीने-मरने के वादें, कसमें सभी बातों की हकीकत को बयां करती हुई विश्व किडनी दिवस के मौके पर एक रिपोर्ट।
पति-पत्नी को जीवनसाथी कहा गया है, कारण कि जीवनपर्यन्त दोनों साथ निभाने का वचन देकर जीवन की शुरुआत करते हैं वहीं अक्सर रिश्तों में महिलाओं को ही बलिदान देना पड़ता है। पुरुषवादी समाज की यही हकीकत समाज का आईना भी है। लेकिन डेगाना उपखंड के गांव चुडिय़ास निवासी नेमीचंद चुडि़यास ने पति धर्म का निर्वाह करते हुए अपनी एक किडनी अपनी पत्नी को 2017 में दे दी थी। आज गुरूवार को पूरे विश्वभर में मनाएं जाने वाले विश्व किडनी दिवस के मौके पर पति-पत्नी के गठजोड़, बलिदान, एक दूसरे के प्रति प्यार, समर्पण की की ये सच्ची दास्तां समाज में एक सकारात्मक सन्देश देने वाली है।

पत्नी की दोनों किडनियां हो गई थी फेल, जीवन जीना हुआ था मुश्किल

ग्राम चुडिय़ास निवासी संतोष देवी की दोनों किडनियां फेल हो गई थी। दोनों पति-पत्नी अस्पतालों के चक्कर काट काटकर परेशान व तंग हो चुके थे। लगातार 2011 से पत्नी को समस्या के चलते परेशान होकर आखिर, पति ने 2017 में पत्नी को किडनी दान कर सबसे बड़ा व पुण्य का काम किया था। आज तक 4 साल बीत जाने के बाद भी पत्नी संतोष अब किडनी लगाने के बाद दोनों ही पति-पत्नी स्वस्थ्य होकर हंसी खुशी से अपना जीवनयापन कर रहे है। संतोष को दरअसल लूपस नेफ्राइटिस नामक वृक्क रोग हुआ था जिसके कारण गुजरात के नाडियाड़ स्थित मूलजीभाई पटेल यूरोलॉजिकल हॉस्पिटल के डॉ. उमापति हेगड़े ने किडनी ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया था।

परिजन भी आगे नहीं आएं तब पति ने ही दिया साथ

संतोष देवी को जब किडनी देने की बात आई तो कोई भी रिश्तेदार आगे नहीं आया। पीहर पक्ष से भी बात नहीं बनीं जिसके बाद पति नेमीचंद चुडिय़ास ने पत्नी को किडनी देने की बात कही और चिकित्सकों की सहमति लीजिए । इसके बाद किडनी ट्रांसप्लांट के बाद संतोष देवी को नया जीवनदान मिल गया। चुडिय़ास ने कहा इस मुसीबत के वक्त में बड़े भाई भागीरथ चुडिय़ास व दोस्त श्रवण कस्वां ने साथ दिया था। ऐसे भाई व मित्र साथ हो तो कोई भी कार्य करना नामुमकिन नही होता है।

पति बोले पत्नी के लिए फर्ज निभाने से हो रहा है आज तक गर्व

नेमीचंद चूडियास ने बताया कि पत्नी की किडनी की समस्या के चलते उन्हें वर्षों से अस्पताल जाना पड़ता था जहां उन्होंने देखा कि 90 प्रतिशत किडनी दान देने वाली महिलाएं ही होती है। किडनी देने में पुरुषों का प्रतिशत मात्र दस प्रतिशत ही है। चूडियास ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्होंने अपने जीवनसाथी के लिए शरीर के अंग का दान किया। पत्नी के लिए जान की भी जरूरत पड़ती तो देने को तैयार था। उन्होंने सभी से महिलाओं के प्रति समर्पण भाव बनाएं रखने एवं पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों को हमेशा अहमियत देने की युवाओं से अपील भी की।

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