वीरधरा न्यूज़। चिकारडा@ डेस्क।
डूंगला उपखंड के अंतर्गत चिकारड़ा के ग्राम साथी मुकेश माली ने चने की फसल मैं लगने वाले कीटों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चने की फसल में फली छेदक लट रोग से बचाव एवं इसके नियंत्रण के लिए कुछ सावधानियां रखते हुए इससे बचाव किया जा सकता है चने की लट मिट्टी में पाया जाने वाला कीट है इसकी लेटे गोरे गोरे रंग की एक से डेढ़ इंच होती हैं जिस पर काले रंग की फुंसी नुमा बिंदी होती है दिन के समय दलों के नीचे छुट्टी रहती है तथा छूने पर गोल कुंडली बना लेता है हरे रंग की लट 1 पॉइंट 25 इंच लंबी होती है जो बाद में भूरे रंग की हो जाती है शुरुआत में चने की पत्तियों को खाती है फली लगने पर उसमें छेद कर दाने को खोखला कर देती है चने में फली छेदक कीड़े के नियंत्रण हेतु लगभग 50% फूल आने पर एनपीवी ढाई सौ एल ई 1 मिलीलीटर दवा प्रति लीटर पानी की दर से गोल बनाकर छिड़काव करें दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद बीटी 750 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें इससे पहले काश्तकार फसल बुवाई के समय प्रकोप से बचाव हेतु क्युनालफास 1:05 प्रतिशत चूर्ण का 25 किलोग्राम प्रति हेक्टर की दर से आखिरी जूता ईद के समय खेत में मिला वे यदि भूमि भूमि उपचार न हो पाए तो कटवा लट का प्रकोप दिखाई देते ही शाम के समय क्युनाल फास 1:05 प्रतिशत चूर्ण का 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें ।
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