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गंगरार-दादिया ग्राम मे धर्मशाला को सम्बोधित करते हुए संत अनुज दास जी ने कहा विश्वास ही परमात्मा को प्रकट करता है।

 

वीरधरा न्यूज़। गंगरार@ श्री कमलेश सालवी।

गंगरार। “विश्वास ही परमात्मा को प्रकट करता है।” उक्त विचार संत अनुज दास ने दादिया ग्राम मे चित्र विचित्र की बावड़ी स्थित मंशापूर्ण महादेव मंदिर परिसर में मंदिर स्थापना की पन्द्रहवे पाटोत्सव के उपलक्ष में आयोजित “नानी बाई का मायरा” के दूसरे दिन रात्रि में कोकलिया ब्राह्मण द्वारा भक्त नरसी मेहता को मायरे की कुमकुम पत्रिका थमाने के प्रसंग में विस्तार से बताते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भक्त नरसिंहला द्वारा मायरे की कुमकुम पत्रिका को खोल वाचन करते ही सबसे ऊपर भगवान श्री कृष्ण का अंकित होने पर वे हर्षित होकर नरसिहला ने विश्वास जताते हुए कहा कि, मायरो तो ठाकुर जी भरेंगे, मैं तो बस उनका गुणगान ही कर भक्ति में लीन रहूंगा। कथा व्यास संतअनुज दास ने कहा कि ईश्वर पर पूर्ण भरोसा होने पर नरसिंह मेहता नानी बाई के मायरा भरने नहीं गए लेकिन, उन्होंने जगत वासियों को मायरे की लौकिक परंपरा से जोड़ते हुए आध्यात्मिकता की ओर प्रवृत्त होने का संदेश दिया। संत अनुज दास ने कहा कि भक्त नरसिहला के पास सांसारिक वस्तुएं न होकर मात्र श्री कृष्ण की परम भक्ति व संत मंडली के पुण्य प्रताप ही प्रबल थे, जिससे मरुधरा की भूमि पर भक्ति का बीज बो कर मायरा भरने का संदेश दिया। संत अनुज दास ने कहा की प्राचीन काल से ही मायरे के प्रचलन की आध्यात्मिक व लौकिक परंपरा आज भी विद्यमान है। उन्होंने भक्त प्रह्लाद, द्रोपदी व भक्त नरसिहला आदि क ई प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि जब जब भक्तों पर संकट आया तो हरी ने अपना रूप धारण कर भक्तों की रक्षा कर लाज बचाई। संत अनुज दास ने पातिव्रतधर्म व परिवार की व्याख्या करते हुए कहा कि पारिवारिक व सामाजिक कार्यों को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए परिवार के सदस्यों से मिल बैठकर विचार विमर्श कर एक दूसरे के सुख, दुख एवम विपत्ति में सहभागी बनने की भावना रख निर्णय लिए जाने चाहिए , जिससे लक्ष्य की प्राप्ति में सफलता हासिल हो सके वही दूसरी ओर परिवार की प्रतिष्ठा में भी अभिवृद्धि हो सके। संत अनुज दास ने कथा प्रसंगो में मायरे की वस्तुएं, नाराणिया देवर, नंदन बाईसा एवं नानी बाई संवाद , भक्त नरसिहला ,श्रीरंग जी एव किशना खाती आदि प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए संगीत गायक सीताराम वैष्णव एवं कलाकारों द्वारा गीत “ठाकुर जी आसी माने पूरो भरोसो , “नानी बाई के मायरे में ठाकुर जी ने लाज” एवं “गाड़ी में बैठा ले बाबा, जानो है नगर अंजार” आदि भजन एवं गीतो की गायकी से श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। इस अवसर पर प्रसंगानुकूल कलाकार जगदीश महाराज द्वारा बाल कलाकारों को विचित्र वेशभूषा में तैयार कर मायरे के विभिन्न प्रसंगो की जीवंत प्रस्तुति में अपना योगदान दिया।
मीडिया प्रभारी मधुसूदन शर्मा ने बताया कि सरपंच सुखराज सालवी, भंवरलाल कुमावत, घीसू लाल कुमावत, पप्पू लाल सेन, कालू लाल गुर्जर, देवा राम कुमावत, कालू लाल कुमावत, रामलाल गुर्जर, कालू नाथ योगी, देवी नाथ योगी, दिनेश कुमार दाधीच, छोटू लाल कुमावत, नारायण गुर्जर गोवलिया, भंवर लाल गुर्जर, अमरचंद गुर्जर, मांगीलाल जाट जय सिंह पुरा, बाबूलाल सुआलका , फूल चंद गुर्जर, बंशी लाल कुमावत, एवं कौशलेंद्र तिवारी चौगावडी ने व्यास पीठ पर विराजित ठाकुर जी की पूजा अर्चना कर कथा व्यास संत अनुज दास जी का माल्यार्पण एवं ऊपरना पहना स्वागत अभिनंदन किया। आरती के पश्चात श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।

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