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पूर्व मंत्री कृपलानी ने की सहकारिता मंत्री से इस्तीफे की मांग।

 

वीरधरा न्यूज़। निम्बाहेड़ा@ श्री सुरेश नायक।

निम्बाहेड़ा। क्रय विक्रय सहकारी समिति के संचालक मंडल सदस्यों एवं पदाधिकारियों के चुनाव में कांग्रेस का बोर्ड नही बनता देख सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के दबाव में सत्ता का दुरूपयोग कर विभागीय एवं चुनाव अधिकारियों द्वारा मिलीभगत करते हुए चुनाव प्रक्रिया का राजनीतिकरण कर जमकर धांधली की गई। जिसमें पूर्व में 33 में से 2 के चुनाव निरस्त करवाने के साथ ही फर्जी तरीके से 3 नई समितियों का गठन कर उन्हें अलोकतांत्रिक तरीके से मत का अधिकार दे दिया, वहीं भाजपा समर्थित 17 समितियों में से 8 समितियों पर दबाव की राजनीति के चलते वर्षों से करोड़ों का व्यापार कर रही इन समितियों के संचालकों को नियम विरुद्ध जा कर क्रय-विक्रय समिति से खरीदी नही करने देकर अयोग्य ठहरा वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया था। जिस पर पूर्व स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी के मार्गदर्शन में अग्रिम कानूनी प्रक्रिया के रूप में भाजपा समर्थित समितियों के अध्यक्षों ने हाईकोर्ट में मताधिकार से वंचित रखने के विरुद्ध स्थगन आदेश के लिए याचिका दायर की, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर समितियों को मत देने का अधिकार देते हुए अग्रिम आदेश तक परिणाम पर रोक लगा दी।
इस पर पूर्व मंत्री कृपलानी ने समितियों के चुनाव प्रक्रिया में हो रही धांधलियों पर समितियों के अध्यक्षों का पक्ष सुनने के लिए माननीय उच्च न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया तथा सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना पर आरोप लगाते हुए कहा कि निम्बाहेड़ा में सहकारी समितियों के चुनाव में सहकारिता विभाग द्वारा नियम कायदे ताक में रख कर कार्य किया जा रहा है। कृपलानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के दबाव में काम करते हुए विभागीय एवं चुनाव अधिकारियों ने कहीं आवेदकों के पर्चे खारिज किये, तो कहीं भाजपा समर्थितों को पर्चे भरने ही नही दिए, इससे बढ़कर हद तो तब हो गई जब दो समितियों में कांग्रेस की ओर से आवेदन पत्र प्रस्तुत करने वाला ही कोई नही था, तो बीजेपी समर्थितों के पर्चे फाड कर चुनाव प्रक्रिया ही निरस्त करवा दी गई। बावजूद इसके 33 में से 31 पर सम्पन्न हुई चुनाव प्रक्रिया में बीजेपी ने 17 समितियों पर विजयी होकर कब्जा किया, वहीं कांग्रेस मात्र 14 समितियों पर ही सिमट कर रह गई।
पूर्व मंत्री कृपलानी ने सहकारी समितियों के चुनाव में हुई धांधलियों तथा उच्चत्तम न्यायालय के द्वारा दिये गए स्थगन आदेश को गंभीरता से लेकर नैतिकता के आधार पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से इस्तीफे की मांग की।
समितियों के संचालक मंडल सदस्यों एवं पदाधिकारियों के चुनाव पर हाईकोर्ट द्वारा स्थगन आदेश मिलने पर पूर्व विधायक अशोक नवलखा, पूर्वी मण्डल अध्यक्ष अशोक जाट, पश्चिमी मण्डल अध्यक्ष राजेंद्र सिंह शक्तावत, कनेरा मंडल अध्यक्ष जुगलकिशोर धाकड़, भाजपा समर्थित ग्राम सेवा सहकारी समितियों में भावलिया जीएसएस अध्यक्ष सोहनदास वैष्णव, फलवा जीएसएस अध्यक्ष नानुराम गायरी, मांगरोल जीएसएस अध्यक्ष रामनारायण जाट, बांगरेड़ा जीएसएस अध्यक्ष नारायण प्रजापत, कनेरा जीएसएस अध्यक्ष सोहनलाल धाकड़, मिन्नाणा जीएसएस अध्यक्ष पुखराज चपलोत, सरपंच राजेश धाकड़, पारस जैन, देवीलाल मालवीय, मण्डल उपाध्यक्ष प्रहलाद प्रजापत सहित समिति सदस्यों एवं भाजपा पदाधिकारियों ने इसे सच्चाई की जीत बताते हुए सहकारिता चुनाव में हुए सत्ता के दुरूपयोग की कड़े शब्दों में भत्सर्ना की है।

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