वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ श्रीमती दीपिका जैन।
चित्तौडग़ढ़। जिले मे गर्मी शुरू होते ही जल संकट जैसी गंभीर स्थिति सामने आने लगी है, जिसका एकमात्र कारण है जिंक बावजूद इसके स्थानीय जिला प्रशासन जानकर भी अनजान बना बैठा है।
गोरतलब है की इस बार बारिश कम होने के चलते जिले के बांधो मे भी अधिक पानी नहीं आया जिसके कारण इस बार फसले भी कुछ खास अच्छी नहीं हुई अब जिले वासियों के सामने जल संकट जैसी बड़ी विपदा आ गईं बावजूद इसके जिम्मेदारो के कानो जु तक नहीं रेक रही।
जिंक मे जा रहा सारा पानी, लोग पीने को तरस रहे
चित्तौडग़ढ़ शहर सहित आसपास की पंचायत क्षेत्रो से रोज दर्जनों बलकर भरकर अवैध रूप से लाखों लीटर पीने के पानी पर जिंक द्वारा डाका डाला जा रहा जिससे कई क्षेत्रो मे पीने के पानी के लाले पड़ने लगे है, बावजूद इसके जिंक की तानाशाही ओर जिला प्रशासन की कुम्भकरणीय नींद जिले वासियों को दिन ब दिन गंभीर जल संकट कि ओर धकेल रही।
बड़े नेताओं के ठेके इसलिए प्रशासन मेहरबान
जानकारी मे ये भी सामने आया कि पुठोली स्थित जिंक संयंत्र को अवैध रूप से रोज लाखों लीटर पानी सफलाई करने के ठेके हुए है, वह ठेके चित्तौडग़ढ़ सांसद सीपी जोशी के करीबी लोगों के हुए है जिससे सत्ताधारी पार्टी होने से कही ना कही जिला प्रशासन भी इनके भ्रस्टाचार को ढकते हुए जनता के साथ न्याय करने के बजाय ऐसे लोगों पर मेहरबान नजर आ रहा है।
कई सरपंच भी जाड़ रहे चांदी, आमजन परेशान
जिंक ओर चित्तोड़ शहर के आसपास कि कई पंचायत क्षेत्रो के सरपंचो ने जिंक से सांठगाठ कर रखी जिससे रात के अंधेरों मे अपने क्षेत्रो के नलकूप से बलकर भर लाखों लीटर पानी अवैध रूप से जिंक मे पंहुचा रहे, जिसके बदले उन्हें मोटी राशि मिल रही, जिससे ये सरपंच तो चांदी जाड रहे लेकिन आमजन पीने के पानी तक को तरस रहे बावजूद इसके जिम्मेदारो का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा।
सावा कि खानो से भी जिंक मे पहुंच रहा पानी, जल स्तर गिरा
सावा कि कई खानो से मोटी रकम कमाने ओर आमजन को जल संकट मे धकेलने के इरादे से खान मालिक द्वारा रात के अंधेरों मे चोरी छिपे कई बलकर भर पानी जिंक मे भेजा जा रहा जिससे सावा सहित आसपास के क्षेत्र मे जल स्तर काफ़ी हद तक गिर गया, ट्यूबवेलो मे पानी सूखने से किसानों कि फसले सूखने लगी है, पीने का पानी भी लोगों को मुश्किल से मिल पा रहा बावजूद इसके जिम्मेदार मोन है।
चित्तौडग़ढ़ मे जिंक के पानी को लेकर भ्रष्टाचार सातवा आसमान छू रहा, शहर मे जल स्तर काफ़ी हद तक निचे चला गया, कई गाँवो मे पीने के जल स्त्रोत सूखने लगे है जिससे आमजन खासे परेशान नजर आ रहे। अब देखना यह कि क्या जिला प्रशासन अब भी कुम्भकरणीय नींद से जगकर कोई ठोस कार्यवाही करेगा या ऐसे ही चलता रहेगा यह तो समय के गर्त मे है।