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भगवान शिव के जीवन से सिख सकते जीने की कला ताकत से नहीं प्रेम से उठता है शिव धनुष- समकित मुनि।

 

वीरधरा न्यूज़चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। हमारा जीवन भगवान शिव की तरह होना चाहिए। शिव धनुष उठाना जो सीख गया उसका जीवन सफल हो गया। शिव धनुष उठाने के लिए ताकत नहीं प्रेम चाहिए। उसे ताकत से नहीं प्रेम से उठाया जा सकता है। जिस शिव धनुष को बड़े-बड़े बलशाली महावीर पूरी ताकत लगा नहीं उठा सके उसे भगवान राम ने सहजता व प्रेम से उठाया तो उठ गया। ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डाॅ. समकितमुनिजी म.सा. ने शनिवार को सुबह आजोलिया का खेड़ा औ़द्योगिक क्षेत्र में पिस्ता मार्बल परिसर में भड़कत्या परिवार द्वारा आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। मुनिश्री दोपहर बाद वहां से विहार कर शाम को चंदेरिया स्थित सर्वोदय आश्रम पहुंच गए।
गंगरार से विहार कर वहां पहुंचे पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शिव धनुष थीम पर आयोजित प्रवचन में कहा कि भगवान शिव के गुणों को हम अपना सके तो जीवन सार्थक बन सकता है। शिव धनुष प्रसंग बताता है कि आत्मा, प्रेम व नम्रता की ताकत के समक्ष बाहुबल कार्य नहीं आता है। नफरत व प्रेम के बाजार अलग-अलग नहीं होते ये हमारे उपर निर्भर है कि हम किसे पसंद करते है। उन्होंने कहा कि जीवन में जिस समय क्रोध की ताकत बताना है उस समय प्रेम की ताकत बताओं तो चण्डकौशिक भी अमृत कौशिक बन जाता है। फैसला अपने हाथ में है कि दुनिया को अपना दीवाना बनाना है या दुश्मन बनाना है। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि भगवान शिव के सद्गुणों का जीवन में आगमन हो तो महाशिवरात्रि मनाना सार्थक हो जाएगा। भगवान शिव के जीवन से हम जीने की कला सीख सकते है। मुनिश्री ने कहा कि भगवान शिव शीतलता के भी प्रतीक है। कठिन से कठिन परिस्थति में भी दिमाग को ठंड़ा रखना चाहिए। स्वभाव भी शिवजी की तरह होना चाहिए जो जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते है। इसीलिए उन्हें भोलेशंकर भी कहा जाता है। प्रवचन में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. एवं गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य रहा। धर्मसभा में जैन काॅन्फ्रेंस महिला शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पा गोखरू ने भी विचार व्यक्त किए। स्वागत गीत चंदा, अंगूरबाला एवं प्रियंका भड़कत्या ने प्रस्तुत किया। संचालन श्रीसंघ के उपाध्यक्ष अजीत नाहर ने किया। आभार प्रेमचंद्र भड़कत्या ने जताया। इससे पूर्व वर्ष 2021 के चातुर्मासिक विदाई के करीब 15 माह बाद फिर चित्तौड़ की पावन धरा पर पहुचंने पर पिस्ता मार्बल परिसर में मुनिश्री का चित्तौड़गढ़ श्रीसंघ एवं भड़कत्या परिवार की ओर से वंदन-अभिनंदन किया गया।
भड़कत्या परिवार के महेंद्रकुमार, सुजानमल, सुनील, अनिल भडकत्या आदि ने स्वागत किया। धर्मसभा में महावीर जैन मंडल के अध्यक्ष आईएम सेठिया, चित्तौड़गढ़ श्रीसंघ के अध्यक्ष अशोक मेहता, मंत्री सुनील बोहरा, पूर्व अध्यक्ष सुरेश मेहता, सेंती संघ के अध्यक्ष लक्ष्मीलाल चण्डालिया, मीरानगर संघ के अध्यक्ष लक्ष्मीलाल लोढ़ा, जैन दिवाकर महिला परिषद की वरिष्ठ संरक्षक सोहनबाई चीपड़, महामंत्री नगीना मेहता, कोषाध्यक्ष सीमा सिपानी, उपाध्यक्ष विमला सेठिया, नीलम तरावत, सेंती महिला मंडल अध्यक्ष सरोज नाहर, चंदनबाला महिला मंडल अध्यक्ष प्रमिला बड़ाला आदि मौजूद थे। भीलवाड़ा से भी सुश्रावक महावीर कच्छारा, रतनलाल जामड़, विजय पोखरना, सुश्राविका मधु मेड़तवाल, अरूणा पोखरना, संगीता सुराना आदि भी मौजूद थे।

खातर महल में रविवार को मनाएंगे जैन दिवाकर की दीक्षा जयंति

पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में रविवार सुबह 9 बजे से चित्तौड़गढ़ शहर के गांधीचौक स्थित खातरमहल में श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के तत्वावधान में पूज्य गुरूदेव जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. की 127वीं दीक्षा जयंति सामायिक दिवस एवं गुणानुवाद सभा के रूप में मनाई जाएगी। शाम को मुनिश्री के खातरमहल से विहार कर चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर पधारने की भावना है। मुनिश्री के 20 फरवरी दोपहर बाद महेशनगर पहुंचने की संभावना है। उनका 21 फरवरी सुबह 9 बजे प्रवचन सेंती स्थित शांतिभवन में होगा। इसके बाद उनका उदयपुर की दिशा में विहार होने की संभावना है।

गंगरार से विहार कर पहुंचे आजोलिया का खेड़ा

पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा शनिवार सुबह गंगरार से विहार कर आजोलिया का खेड़ा स्थित पिस्ता मार्बल परिसर पहुंचे। विहार यात्रा में चित्तौड़गढ़ श्रीसंघ के उपाध्यक्ष अजीत नाहर, राकेश मेहता, अर्पित बोहरा आदि ने सेवाएं दी। मार्ग में कई जगह श्रावक-श्राविकाओं ने मुनिश्री का वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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