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चित्तौड़गढ़/ चिकारड़ा-पेयजल को लेकर ग्रमीण हो रहे परेशान।

वीरधरा न्यूज़।चिकारडा@ श्री राकेश अग्रवाल।
चिकारडा में गर्मी के मौसम के आते ही पानी के लिए कस्बे में त्राहि-त्राहि शुरू हो गई ।  एक दशक पूर्व के पेयजल श्रोत  हांपने जाती है कभी 3 से 4 दिन तो कभी 5 से 6 दिन में पेयजल सप्लाई हो रही है ग्रामीणों की माने तो 3 से 4 दिन में भी पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। आपको बतादे विभाग के कार्मिकों की अदूरदर्शिता के चलते सरकार की ओर से पेयजल के लिए एक दशक पूर्व स्वीकृत 2 करोड़ के बजट में टंकी, ओपन वेल, ट्यूबवेल, पाइप लाइन, अंडर वाटर होद बनाने सहित पुरी पेयजल योजना बनाई गई थी। लेकिन योजना की क्रियान्विति करते समय तत्तकालिन अधिकारीयों द्वारा क्षेत्र की भोगोलिक स्थिति का अवलोकन किये बिना तकनिकी खामियों को भी नजर अन्दाज करते हुऐ  निचले क्षेत्र में ओपन वेल ट्यूबवेल  खनन करवादी ओर टंकी भी ऊंचाई पर नही बनाई गई जिसके चलते पानी का दबाव नहीं बन पाता ओर समुचित पानी की सभी क्षेत्रों में सप्लाई नहीं हो पाती जिसका परिणाम ग्रमीणों को तब से लेकर अब तक भुगतना पड़ रहा है आपको बतादें ओपन वेल ओर ट्यूबवेल का खनन सरकार की ओर डार्क जोन माने जाने वाले उत्तर दिशा में किया गया जो डार्क जोन है साथ ही वही से गाँव के बहार बहार ही पाइप लाइन डाली गई जो कि लाइन नीचे से ऊपर की ओर होने से पानी पहुचने में कई बार प्रेसर के चलते रास्ते मे पाइप फुट जाते है। वहीं तकनिकी रूप से पाइप लाइन जितनी गहराई में डाली जानी चाहिये थे वह भी नहीं डाली गई और निर्धारित गहराई में पाईप लाईन नही बिछाने की वजह से आते जाते वाहनों से पाइप लाइन फूटती रहती है इसके चलते पिछले एक दशक से ग्रामीण परेशान हो रहे है और आये दिन रोड की खुदाई का कार्य करते हुऐ पाईप लाईन रिपेयरिंग का कार्य होता ही रहता है।
वर्तमान में यह है व्यवस्था
हालांकि उपखंड बैठक में पानी की संमस्या के निदान के लिये टैंकर से पेयजल उपलब्ध कराने की बात सामने आई है लेकिन यह अस्थाई समाधान है, मुल समस्या का समाधान नही हो जाता तब तक ग्रामिणो को राहत नही मिल पाऐगी। आपको बतादे वर्तमान में सांवलिया जी चैराहा स्थित पानी की टंकी से लेकर ग्राम में सप्लाई होने तक 4 इंच के पाइप लगे हुए हैं इन्ही 4 इंच पाईप के माध्यम से पूरे ग्राम की पानी की सप्लाई सांवरिया जी चोराहे पर लगी टंकी से होती है चोराहे से लेकर बस स्टैंड तक 4 इंची पाइप में अलग अलग सर्किट के द्वारा पानी सप्लाई किया जाता है। लगभग सभी घरों में पेयजल की पूर्ति ग्रामीण बूस्टर के द्वारा खिंच कर कर रहा है, 4 इंच पाइप लाईन ओर सेकड़ो कनेक्शन, आखिर ग्रामीण भी क्या करे मझबूरी तथा पानी के कम दबाव के चलते प्रत्येक घरों में बूस्टर लगाकर पानी चढ़ाया जाता है ऐसी स्थिति में समुचित तरीके से पानी की सप्लाई नही हो पाती। इस व्यवयस्था से भी सदर बाजार देव गली गुर्जर मोहल्ला खटीक बस्ती अग्रवाल बस्ती मुसलमान मोहल्ला तक पानी नही पहुच पा रहा। ग्रामीणों की परेशानी के चलते विभाग ने खटीक बस्ती तक नई पाइप डालकर कुछ हद तक बस्ती की समस्या का समाधन किया, लेकिन ये भी कोई स्थायी समाधान नही है। इस प्रचंड गर्मी में समय रहते पानी की व्यवस्था नही की जाती है तो ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वैसे प्रसासन द्वारा टेंकरो की व्यवस्था की गई है लेकिन इतना बड़ा गांव और 1 टैंकर पानी से गांव में पानी की समस्या का समाधान नही किया जा सकता है 1 टेंकर के बाद भी ऊंट के मुह में जीरा वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आरही है । समस्या जस की तस बनी रहेगी। गांव के प्रबुघ नागरिक हिम्मतलाल व अन्य कई लोगो ने विभाग को अवगत करवाया की अभी की समस्या से निपटने के लिए 20 टैंकर पानी प्रतिदिन टंकी के होद में खाली करवाकर उसी पानी को मोटर के माध्यम से टंकी में पहुचाकर सप्लाई किया जाए तो कुछ हद तक समस्या का समाधान हो सकता है ।
टेंकर से पानी सप्लाई अस्थाई समाधान खोजना होगा स्थाई समाधान
ग्रामीण हिम्मतलाल चैधरी द्वारा बताया गया कि ये पेयजल योजना का तकमिना बनाते समय गांव की भोगोलिक स्थिति और सही पैमाने को ध्यान में रख कर सरकार द्वारा दिये बजट का उपयोग यदि पास ही स्थित मंगरी पर उक्त व्यवस्थाऐं लगायी जाती ओर पानी सप्लाई की समुचित व्यवस्थाऐं की जाती तो आज ग्रामीणों को पेयजल के लिए दो दो हाथ नही करने पड़ते, ओर पानी बिना बूस्टर के सभी घरों में दो मंजिल तक आसानी से पहुच पाता। लेकिन ऐसा नही किया गया जिसका खामियाजा पिछले 10 साल से ग्राम की जनता भुगत रही है। इसके साथ ही गाँव के दक्षिणी छोर पर एक नया ट्यूबवेल खनन किया जाता है या सारंगपुरा रोड पर स्थित हेण्डपम्प में मोटर उतार दी जाती है और वही से पानी की सप्लाई की जाती है, ग्रामीणों को प्रचंड गर्मी में दो दो हाथ नही करने पड़ेंगे।
इनका कहना
ग्रामीणों को 5 से 6 दिन में पानी की सप्लाई के चलते अपने अपने स्तर से पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ रही है कोई कुए से तो कोई हैंडपम्प से तो कही कही टैंकर से अपनी अपनी प्यास बुझा रहे है
-हिम्मतलाल चौधरी सामाजिक कार्यकर्ता
ग्रामीणों की समस्या जायज है । प्रचंड गर्मी में 6 से 8 दिन में पानी मिलना बहुत ही दुख दायक है । इसके चलते डूँगला रोड वाले बोर में 7:5 एचपी की पुरानी मोटर को निकालकर 10 एचपी की मोटर डाल दी गई। आसपास पानी का कोई स्रोत नहीं है।  डूंगला विकास अधिकारी जी बोर करवा दे तो उसमें मोटर और पाइप डालकर हम चालू करवा देंगे । इसके साथ ही 15 टैंकर पानी टंकी के होद में डाल दिया जाए तो वहां से भी पानी की सप्लाई दूसरे दिन हो पाएगी। मेरे पास बड़ी सादड़ी के अलावा डूंगला का अतिरिक्त चार्ज भी है।
-पुष्पेंद्र सैनी सहायक अभियंता अतिरिक्त प्रभार डूंगला
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