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जिला कलक्टर ने की मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा, डीएम बोले पिछले वर्षों में हुई घटनाओं को संज्ञान में रख कार्य करें अधिकारी।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।

चित्तौड़गढ़ । आगामी मानसून में जलभराव एवं बाढ़ की संभावना के मध्यनजर सुरक्षात्मक उपाय एवं उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा एवं जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने विभिन्न विभागों की बैठक लेकर मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि पिछले सालों में अतिवृष्टि के दौरान हुई घटनाओं को संज्ञान में रखते हुए आवश्यक तैयारियां करें एवं आमजन को बाढ़ से बचाने के लिए अधिकारी आवश्यक प्रबंध करें।

जिला कलेक्टर ने विभिन्न नदियों के ओवरफ्लो होने से जलभराव एवं अन्य विपरीत परिस्थितियों को लेकर चर्चा करते हुए निर्देशित किया कि आमजन को सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक प्रयास किए जाएं। बैठक में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना, बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने हेतु आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता, अतिवृष्टि होने पर नुकसान से बचाव एवं रोकथाम हेतु कार्य योजना, पर्यटक स्थल पर बचाव हेतु पुख्ता प्रबंधन आदि पर चर्चा की गई।

बैठक में जिला कलेक्टर ने जलभराव के समय आवश्यकतानुसार नावों, प्रशिक्षित नाविकों एवं गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसी के साथ उन्होंने सड़क मार्ग से गुजरने वाले नदी, नाले, रपट आदि पर साइन बोर्ड लगाने के लिए निर्देशित किया। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि संवेदनशील निचले क्षेत्र, भराव संभावित क्षेत्र, बाढ़ में अक्सर प्रभावित होने वाले क्षेत्र, कच्ची बस्तियों आदि का निरीक्षण किया जाए एवं बाढ़ से बचाव हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।

इसी के साथ जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को नालों की नियमित रूप से सफाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चारे एवं अन्य पशु आहार आदि की व्यवस्था करने हेतु कहा। जिला कलेक्टर ने कहा कि अधिकारी जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता बनाए रखें। इसी के साथ उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति के दौरान आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति हेतु आवश्यक व्यवस्था की जाए एवं कहीं सड़क बाधित होने की सम्भावना हो तो वैकल्पिक रूट पहले ही देख लिए जाएं । बैठक में रसद विभाग से उचित मूल्य की दुकानों पर गेहूं सहित अन्य खाद्य सामग्री के भंडारण एवं वितरण को लेकर चर्चा की गई।

बैठक में जल संसाधन विभाग से ओवरफ्लो होने वाली नदियों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। इसी के साथ जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग से वर्षा काल के दौरान पेयजल आपूर्ति हेतु बिछाई गई पाइप लाइन में लीकेज के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में विद्युत विभाग से बाढ़ की स्थिति होने पर विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने हेतु आवश्यक उपकरण आदि की व्यवस्था करने हेतु कहा गया। तो वहीं पशुपालन विभाग से बाढ़ के समय पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कहा गया। इसी के साथ जिला कलेक्टर ने पशुपालन विभाग को पशुओं के टीकाकरण कार्य को गंभीरता से करने के लिए कहा।

बैठक में अधिकारियों से बाढ़ से अक्सर प्रभावित होने वाले इलाकों में किसी ऊँचाई पर आश्रय स्थल का चयन करने के लिए निर्देशित किया गया। इसी के बैठक में नगर निकायों के अधिकारियों को मृत पशुओं, मलबा कचरा आदि को हटाने के सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए कहा गया। बैठक में एडीएम (प्रशासन) रतन कुमार स्वामी ने बताया कि 15 जून के बाद कंट्रोल रूम शुरू कर दिया जाएगा।

बैठक में एडीएम (प्रशासन) रतन कुमार स्वामी, एडीएम (भूमि अवाप्ति) अंबालाल मीणा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञानमल खटीक सहित विभिन्न विभागों जैसे नगर परिषद, शिक्षा विभाग, विद्युत विभाग, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, पशुपालन विभाग, जल संसाधन विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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