वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ श्रीमती दीपिका जैन।
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी देश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी होगी जो राजस्थान के सभी जिलों में अपने व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र खोलेगी। इसके लिए बुधवार को यूनिवर्सिटी कैम्पस में आयोजित मीटिंग में संबंधित सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों (पॉलीटेक्निक, आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज, औद्योगिक इकाईयों, बिल्डिंग मालिकों, माध्यमिक विद्यालयों, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मीटिंग में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग एवं कौशल विकास व्यावसायिक प्रशिक्षण संकाय के डीनएआर यादव ने बताया कि इन सेंटरों को खोलने से जहां एक ओर समाज में बेरोजगारी की समस्या दूर होगी वहीं यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया का युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का विजन पूरा होगा। सेंटर में 10 वीं पास या समकक्ष से ऊपर विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे, जिन्हें एनसीवीईटी द्वारा प्रमाणित विभिन्न पाठ्यक्रमों में एक्सपर्ट द्वारा आईटी, उत्पादन, माइन्स, एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल, हेंडीक्रॉफ्ट समेत 25 सेक्टरों में स्किल डिवेलपमेंट में कम अवधि (3 से 12 माह) की ट्रेनिंग कराई जाएगी। यह ट्रेनिंग पाकर स्टूडेंट्स न केवल प्राइवेट सेक्टर में नौकरी हासिल कर सकेंगे बल्कि स्वयं का रोजगार भी शुरू कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि जो शिक्षण संस्थाएं अपने यहां सेंटर खुलवाने के लिए इच्छुक है। वह यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई ईमेल आईडी dean.sdi@mewaruniversity.org और मोबाइल नंबर 8882441640 पर सम्पर्क कर सकती है। मेवाड़ यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीवीईटी), कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) भारत सरकार से अवॉर्डिंग एवं एसेसमेंट (एबी-ड्वेल) के रुप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने बताया कि मेवाड़ यूनिवर्सिटी की इस पहल से खासतौर पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के ऐसे विद्यार्थियों को भी फायदा होगा, जो बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ चुके है। ऐसे युवा ट्रेनिंग हासिल करके समाज की मुख्यधारा से जुड़कर देश को प्रगति के पथ पर ले जाने में अपना योगदान दे सकेंगे।
स्टूडेट्स सीखेंगे शॉर्ट टर्म कोर्सः
मेवाड़ यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग एवं कौशल विकास व्यावसायिक प्रशिक्षण संकाय के डीन ए़. आर यादव ने बताया कि ट्रेनिंग सेटर में 3 माह से लेकर 12 माह तक के शॉर्ट टर्म कोर्स चलाए जाएंगे, जिसकी फीस भी विद्यार्थियों के लिए नॉमिनल रखी गई है, साथ-साथ तकनीकी प्रशिक्षण लोन की भी व्यवस्था की गई है, जिसका प्रशिक्षणार्थी रोजगार प्राप्त करने के बाद भुगतान कर सकते हैं ताकि गरीब और वंचित वर्ग भी आसानी से व्यावसायिक शिक्षा हासिल कर सकेंगे।