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एक्टिव बनें, प्रोडक्टिव अपने आप बनते चले जाओगे – संत चंद्रप्रभ।

वीरधरा न्यूज़।जोधपुर@ डेस्क।
जोधपुर 17 जनवरी। राष्ट्रसंत चंद्रप्रभ सागर महाराज ने कहा कि जीवन की कुंडली में शनि और मंगल से भी ज्यादा घातक है आलस्य। आप 1 आलस्य को भगा दो, आपके जीवन की 101 समस्याओं का समाधान स्वत: हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम कभी भी समय को पास न करें नहीं तो समय हमें फेल कर देगा। याद रखें, 24 घंटे को 25 घंटे तो नहीं किया जा सकता, पर 24 घंटे में 25 घंटे का काम अवश्य किया जा सकता है। जो अपने आप को एक्टिव बना लेता है वह अपने आप प्रोडक्टिव बनता चला जाता है।


संत प्रवर रविवार को कायलाना रोड स्थित संबोधि धाम में आयोजित पावर ध्यान योग प्रोग्राम में साधकों को आलस्य भगाने के प्रैक्टिकल तरीके विषय पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खाली बैठना अच्छा तो लगता है, पर उसका परिणाम कभी अच्छा नहीं आता है। जो काम नहीं करता वह भगवान द्वारा दिए गए हाथ और पांव का अपमान करता है। आलसी को कभी विद्या, धन, यश और अच्छे मित्र की प्राप्ति नहीं होती। आलस्य को जीना अर्थात साक्षात कब्रिस्तान में निवास करना है। उन्होंने कहा कि आलस्य के मुख्य कारण हैं – ज्यादा भोजन करना, ज्यादा नींद लेना, अव्यवस्थित जीवन शैली, जीवन में लक्ष्य न बनाना, डिप्रेशन और चिंता में रहना, नकारात्मक सोचना, मदिरा और मोबाइल का ज्यादा उपयोग करना।
उन्होंने आलस्य को भगाने के लिए जीवन शैली को ठीक करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि हमारा खान-पान, सोना और उठना संयमित, सात्विक और सिस्टमैटिक होना चाहिए। रात को 10 बजे सोना सोना है, 11 बजे सोना चांदी है और 11 बजे के बाद सोना लोहा है। हम जिंदगी को लोहा बनाने की बजाय सोना बनाएं। हमें सूर्यास्त के बाद भोजन छोड़ देना चाहिए। पानी पूरा पीना चाहिए। रोज सुबह उठकर पावर योग करना चाहिए। जो भी काम करें वह परफेक्ट करें। जो व्यवस्थित काम करते हैं, जीवन में आगे बढ़ने की निरंतर कोशिश करते हैं वे रेगिस्तान में भी पेड़ की छाया खोज लेते हैं और आलसी लोगों को उपवन में भी छाया नसीब नहीं होती है।
इस अवसर पर उन्होंने जोश जगाएं होश बढ़ाएं, आसमान को छू लें हम। नई सफलताओं के सपने इन आंखों में भर लें हम… भजन गुनगुनाया तो सभी साधक आत्मविश्वास से भर गए।
इससे पूर्व डॉ. मुनि शांतिप्रिय सागर ने साधक भाई बहनों को परेड, जोगिंग, पीटी और रस्सी कूद के प्रयोग करवाएं। सभी ने नवकार मंत्र और गायत्री मंत्र का सामूहिक पारायण किया।
कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. आर के पामेचा और हनुमान सिंह चौहान ने किया व आभार विनोद प्रजापत ने दिया।

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