वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@श्री दुर्गेश लक्षकार।
पाली जिले के सुमेरपुर तहसील में 27 सितंबर को पुलिसकर्मी ईश्वरसिंह के कुएं को पक्का करने के लिए जोगापुरा गांव के रहने वाले श्रमिक मूपाराम मीणा व गोमाराम कुएं में उतरे थे श्रमिक मूपाराम करीब 90 फीट गहराई में मिट्टी ढहने से दब गया ये रेस्क्यू 84 दिन चला, जो प्रदेश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था जिस पर शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया। दरअसल, 27 सितंबर को पुलिसकर्मी ईश्वरसिंह के कुएं को पक्का करने के लिए जोगापुरा गांव के रहने वाले श्रमिक मूपाराम मीणा व गोमाराम कुएं में उतरे थे। श्रमिक मूपाराम करीब 90 फीट गहराई में मिट्टी ढहने से दब गया।
शव को बाहर निकालने के लिए प्रशासन ने 5 दिन तक रेस्क्यू चलाया बाद में कुआं ढहने के डर से प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए मुद्दा उठा तो रेस्क्यू शुरू कर प्रशासन ने इसे चैलेंज के तौर पर लिया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी सिरोही के पंचदेवल में भी 13 अक्टूबर को कानपुरा जैसा हादसा हुआ था वहां श्रमिक 120 फीट गहरे कुएं में दब गया था 45 घंटे में शव को निकाल लिया गया लेकिन कानपुरा में पहले कुएं को जानलेवा बताकर रेस्क्यू को रोका गया बाद में बजट नहीं होने की बात कही गई साथ ही संसाधनों का भी अभाव बताया गया।
रेस्क्यू टीम का कहना है कि प्रशासन ने हमें 13 अक्टूबर को रेस्क्यू का काम सौंपा हमारे साथ एईएन गोखलेश बसवाल भी थे हम बेबी वैल तकनीक का अपना रहे थे मगर यह जोखिम भरा था आखिर में सीकिंग वेल तकनीक अपनाई गई पहले खुदे हुए 9 फीट कुएं को मिट्टी-रोड़ी से भरा बाद में 4 मीटर गोलाई में नए कुएं की खुदाई शुरू की गई इसके बाद परत-दर-परत खुदाई कर 55 फीट तक सीमेंट आरसीसी से कुएं का निर्माण किया गया
करीब 55 फीट आरसीसी फर्मे को कुएं में 83 फीट तक उतारा गया. नीचे पानी का फ्लो ज्यादा होने और शव की दुर्गंध के कारण प्रतिदिन 1-1 फीट खुदाई करते हुए करीब 7 फीट की खुदाई कर शव तक पहुंचा गया। हार्ड रॉक होने एवं कुएं की चौड़ाई बढ़ाने से मिट्टी का मलबा चार गुना तक ज्यादा निकाला गया
कुएं की स्थिति खतरनाक थी। शुरुआती दिनों में रेस्क्यू रोकना पड़ा पहले जब हम काम कर रहे थे तो उस समय कुआं 75 फीट तक था वर्तमान में 90 फीट पर शव मिला है यानी 15 फीट नीचे शव दफन था वैल फाउंडेशन से कुएं को मिट्टी से भरा नया कुआं बनाने की शुरुआत की पहले 3-3 फीट तक कुएं का निर्माण करते गए पानी निकलने लगा तो निर्माण की रफ्तार भी धीमी पड़ गई इसके बाद 1-1 फीट का फाउंडेशन बनाना पड़ा एसडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई। एसडीएम देवेंद्र यादव के नेतृत्व में पूरे मिशन को अंजाम दियाजब रेस्क्यू के दौरान हम 89 फीट पर पहुंचे तब शव की बदबू काफी तेज होने के साथ मिट्टी भी ढहने लगी थी पानी का प्रवाह तेज हो गया ऐसी स्थिति में मिशन एक बार के लिए प्रभावित होने लगा था। मगर टीम के सदस्यों ने हिम्मत नहीं हारी और मजदूर के शव को बाहर निकाल लिया गया।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.