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सावरकर दर्शन प्रतिष्ठान चित्तौड़गढ़ शाखा द्वारा सावरकर की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी आयोजित।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़।सावरकर दर्शन प्रतिष्ठान चित्तौड़गढ़ शाखा द्वारा 26 फरवरी रविवार को सांय होटल पद्मनी में महान स्वतंत्रता सैनानी वीर सावरकर की पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। सावरकर दर्शन प्रतिष्ठान चित्तौड़गढ़ मीडिया प्रभारी मनोज पारीक ने बताया कि स्वतंत्रता के महान नायक वीर सावरकर की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर सावरकर को याद किया गया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता लक्ष्मी नारायण जोशी ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परम राष्ट्रभक्त व अदम्य साहसी वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक ऐसे तेजस्वी नक्षत्र थे, जिन्होंने अपने जीवन का क्षण-क्षण व शरीर का कण-कण मातृभूमि की सेवा में समर्पित किया। काल कोठरी की अमानवीय यातनाएं भी उन्हें मातृभूमि की आजादी व अखंडता के संकल्प से विचलित नहीं कर पाई। उन्‍होंने कहा कि ‘सावरकर एक क्रांतिकारी चिंतक, लेखक, कवि, दूरदर्शी राजनेता होने के साथ-साथ एक महान समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जीवनपर्यंत अस्पृश्यता, जातिवाद और तुष्टीकरण के विरुद्ध संघर्ष किया। उनका त्याग, तप व संघर्ष वंदनीय है। आजादी के ऐसे महानायक की पुण्यतिथि पर उनके चरणों में कोटिशः वंदन ’सावरकर क्रान्तिकारी, चिन्तक, लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता और दूरदर्शी राजनेता थे। वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार भी थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं को हिंदू धर्म में वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं इसके लिए आन्दोलन चलाये। उन्होंने भारत की एक सामूहिक “हिंदू” पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा। विचार गोष्ठी से पूर्व वीर सावरकर की जीवनी पर फिल्म भी दिखाई गई। संचालन आयोजन समिति के अध्यक्ष अनिल शिशोदिया ने किया। स्वागत उद्बोधन देते हुए सुशील शर्मा ने वीर सावरकर के विभिन्न अविस्मरणीय प्रसंगों को सुनाते हुए उनके विचारों को जीवन मे उतार कर उनसे प्रेरणा लेने का आव्हान किया। आभार सावरकर दर्शन प्रतिष्ठान के उदयपुर संभाग प्रभारी लोकेश त्रिपाठी ने व्यक्त किया। उदयपुर संभाग की महिला प्रभारी रश्मि सक्सेना ने भी विचार व्यक्त किये।
इस दौरान हरीश ईनानी, रणजीत सिंह भाटी, श्रवण सिंह राव, देवी सिंह राव, कैलाश गुर्जर, राजन माली, रमेश बोरीवाल, बाबूलाल खटीक, विनीत तिवारी, परमजीत सिंह, शेखर शर्मा, भरत डंग, दिनेश नाथ योगी, भूपेंद्र आचार्य, प्यार चंद सेन आदि उपस्थित रहे।

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