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चित्तौड़गढ़-कोरोना वारियर्स के बाद अब जिलें में लम्पी वारियर्स जुटे, लम्पी से निपटने की तैयारी में।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ श्री अनिल सुखवाल।

शंभूपुरा।यह बात हमें माननी ही पड़ेगी कि जिस तरह मानव जाति पर कोरोना महामारी के कहर से परिवार टूट गए। परिवार से अपनों का साया तक उठ गया उसी प्रकार लम्पी माहवारी से हमारी गौ माता संकट में है साथ ही इसके चलते लम्पी संक्रमण से दुध से सम्बंधित व्यापार में जूडे लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है, जो देश की आर्थिक स्थिति को कमजोर बना रही है।
चित्तौड़गढ़ जिलें में पिछले 15 दिनों से इस महामारी का प्रकोप ज्यादा ही बढ़ा हुआ है। चित्तौड़गढ़ जिले में लम्पी वायरस की इस महामारी से निपटने के लिए लम्पी वारियर्स रात दिन काम कर रहे हैं।
बता दें कि चित्तौड़गढ़ जिलें के कुछ गौरक्षक युवाओं द्वारा भादसोड़ा में संचालित श्री कृष्ण आदिनाथ गौशाला द्वारा न केवल गौशाला की गायों बल्कि आसपास गांवों के वह स्थान जहां गौ माता निराश्रित अवस्था में है उनके लिए सम्पूर्ण चिकित्सा की व्यवस्था नि:शुल्क उपलब्ध की जा रही है
इस अभियान के तहत 3 हजार सात सौ गायों हेतु 50 गांवों के गौ सेवकों ने मिलकर इस लम्पी महामारी से गौ माता को बचाया है। इस महामारी के चित्तौड़गढ़ जिलें में आने से पूर्व पशुपालन विभाग के डॉक्टर संजय रावत के दिशा-निर्देश में 1100 गायों का टीकाकरण श्री कृष्ण आदिनाथ गौशाला के चिकित्सकों और गौशाला की टीम द्वारा किया गया है।
लम्पी से निपटने के लिए कुछ अन्य उपाय जिनमें आयुर्वेदिक हर्बल स्प्रे तैयार कर स्प्रे से लम्पी की रोकथाम करना, लम्पी से ग्रसित गायों को एलोपैथिक दवा का वितरण कर उन्हें निमोनिया, बुखार के एवं सूजन से निजात दिलाना, कमजोर गौ वंश की इम्युनिटी बढ़ाने हेतु देशी गाय के घी से निर्मित आयुर्वेदिक लड्डू तैयार कर गायों को खिलाना, चारा त्याग देने पर गौ वंश हेतु चूर्ण तैयार कर उन्हें खिलाना एवं घायल एवं बीमार गायों के घावों के उपचार हेतु मलहम तैयार कर बीमार गायों को उपचारित करना, अधिक फैलीं महामारी वाले क्षेत्र में दवाईयां एवं इंजेक्शन पहुंचाना शामिल हैं।


गौशाला के पीएमओ पीयुष सोनी ने बताया कि लम्पी से निपटने हेतु विगत पन्द्रह दिनों से गौ शाला में ही एक केम्प के रूप में सेवाएं दी जा रही है जो आगे भी इस महामारी के खत्म न हो जाने तक चलता रहेगा, जिसके तहत 4500 लड्डू, 6000 लीटर स्प्रे व 3000 दवा किट वितरण किए गए हैं। अभी हो रहे चारा संकट में आकोला गांव में स्थित गौ शाला को 50 क्विंटल भूसा संस्थान द्वारा पहुंचाया गया है।
इस कार्य में हसन अली बोहरा, गौ शाला कमेटी के विक्की छीपा, मोहन गाडरी कन्हैयालाल लक्षकार एवं गांव के नव युवक दान दाताओं के सहयोग से इस कार्य को किया जा रहा है।

बड़ी संस्थान क्यो नही आ रही आगे

ऐसे हालात में सवाल यह भी उठता है कि जब श्री कृष्ण आदिनाथ गौशाला जैसी छोटी संस्थान भी अपने से छोटी छोटी गौशाला व निराश्रित गौमाता की सेवा को आगे आ रहे है और तन मन धन से सेवा कर रहे है तो मेवाड़ के अक्षरधाम कहलाने वाले कृष्णधाम सांवरियाजी जो अपने आप में एक बहुत बड़ी संस्थान है जिन्हें ऐसे हालात में आगे आकर बढ़चढ़ सेवा देनी चाइए साथ ही छोटी गौशालाओं के हालात को सुधारने में भी अहम भूमिका निभाने की जरूरत है लेकिन इतनी बड़ी संस्थान होने और करोड़ो रूपये के मासिक चढ़ावे आने के बावजूद गोसेवा के क्षेत्र में आगे ना आना भी एक सोचनीय विषय बन जाता है।

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