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लम्पी रोग के लक्षण दिखाई देते ही नजदीकी पशु चिकित्सालय में सूचना दें।

वीरधरा न्यूज़।चित्तोड़गढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। शहर के इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम मे बुधवार को गोवंश में फेल रहे लम्पी स्किन रोग के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पुरोहित ने गोवंश की पीड़ा को समझते हुए आमजन से आगे आने की अपील की। पुरोहित ने कहा कि गोवंश अपनी पीड़ा किसी से कह नहीं सकते, हर संवेदनशील व्यक्ति का यह दायित्व है कि वे गोवंश में फैल रही इस बीमारी से लड़ने में प्रशासन की सहायता करें। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नेत्रपाल ने लम्पी वायरस से संबंधित विभिन्न भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि लम्पी रोग के लक्षण दिखाई देते ही नजदीकी पशु चिकित्सालय को सूचना दें। संक्रमित गोवंश को स्वस्थ पशुओं से अलग बांध कर रखें तथा समय पर इलाज कराएं। रोग से बचाव एवं उपचार के लिए पारम्परिक/घरेलू उपचार भी किया जाना चाहिए। यह रोग कोरोना वायरस की तरह अपना रूप बदलकर नहीं फैलता है। यह रोग मच्छर-मक्खी/ चीचडों आदि से फैलता है। लम्पी स्किन रोग पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता है। पशु गृह/गौशालाओं को संक्रमण से मुक्त करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट के 2 प्रतिशत घोल का छिड़काव किया जाना चाहिए। रोगी पशु को संतुलित पशु आहार/हरा पौष्टिक चारा खिलाएं। रोगी पशु के दूध को उबालकर काम में लिया जा सकता है। संक्रमित क्षेत्र में टीकाकरण नहीं करना चाहिए। रोग ग्रस्त क्षेत्र में पशुओं का आवागमन व परिवहन रोका जाना आवश्यक है। वर्तमान में रोग से बचाव हेतु गोट पॉक्स वैक्सीन को पशु चिकित्सा अधिकारियों के दिशा निर्देश अनुसार लगवाया जाए। रोगी मृत पशुओं का वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण किया जाना आवश्यक है।

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