वीरधरा न्यूज़।सिरोही@ श्री राकेश वैष्णव।
सिरोही। रोहिड़ा पुलिस थाने में दर्ज फर्जी पट्टा प्रकरण के एक मामले में रोहिड़ा सरपंच पवनकुमार और उसके पिता चोपाराम को कल न्यायालय में पेश किया गया। जहां से दोनों पिता-पुत्र को जेल भेजने के आदेश जारी हुए। आपको बता दें रोहिड़ा निवासी भरत रावल ने रोहिड़ा पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया था कि उसके पिता सीताराम जो कि रोहिड़ा के पूर्व सरपंच थे। उनके फर्जी हस्ताक्षर करके वर्तमान सरपंच पवनकुमार ने अपने पिता चोपाराम के नाम से पट्टा जारी किया गया हैं। ये पट्टा पूरी तरह से कूटरचित दस्तावेज हैं। उक्त पट्टे पर सरपंच के तौर पर पूर्व सरपंच सीताराम के हस्ताक्षर किए गए हैं जो पूरी तरह से जाली हैं। भरत रावल की रिपोर्ट के आधार पर रोहिड़ा पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत दर्ज कर मामले की जांच की गई। जांच के दौरान सभी दस्तावेज जांच के लिए FSL को भेजे गए। FSL रिपोर्ट में फर्जी हस्ताक्षर साबित हुई। जिस पर रोहिड़ा थानाधिकारी देवाराम मेघवाल की टीम ने सरपंच पवनकुमार व उसके पिता चोपाराम को 17 नवम्बर को गुजरात से गिरफ्तार किया गया। और न्यायलय में पेश कर 2 दिन पुलिस रिमांड पर भेजा गया। 2 दिन के पुलिस रिमांड के बाद 19 नवम्बर को पुनः कोर्ट में पेश किया गया। जहाँ से दोनों पिता पुत्र को जेल भेज दिया गया।
हमेशा विवादों से रहा नाता
रोहिड़ा सरपंच पवनकुमार जब से सरपंच बने हैं तब से ही इनका विवादों से नाता रहा हैं। फिर चाहे बीच चौराहे पर एक युवक से मारपीट का मामला हो या फिर तम्बाकू विवाद या फिर अवैध शराब पकड़ने का विवाद। हालांकि तम्बाकू और शराब पकड़ने वाले विवादों में इनका सीधा सम्बन्ध नही था। पर इन प्रकरणों में इनके पारिवारिक सदस्यों की संलिप्तता होने से सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, और प्रिंट मीडिया की सुर्खियों में जरूर रहे। वही अवैध शराब बरामदगी वाले मामले में तो इन्हें भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद से भी हटाया गया था। इसके अलावा भी कई ऐसे विवाद रहे जिसमें कोविड में लोक डाउन के दौरान एक गर्भवती महिला के घर के बाहर दरवाजे पर ताला लगाने सहित कई ऐसे मामले हैं जब ये विवादों में रहे हैं। अब फर्जी पट्टा प्रकरण में इन्हें जेल की हवा खानी पड़ी रही हैं।
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