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चित्तोडगढ़-संयुक्त संघर्ष एवं को ऑर्डिनेशन समिति आंदोलन को 11 माह होने पर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। 

वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क

चित्तोडगढ़।केन्द्र सरकार द्वारा किसानों पर थोपें गये तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए हमारे देश का किसान, मजदूर, और गरीब आज भारत सरकार के जन विरोधी रवैये के खिलाफ 11 माह से आंदोलनरत है। जिस पर विरोध दर्ज कराते हुए चित्तौड़गढ़ के संयुक्त संघर्ष एवं कोआर्डिनेशन समिति द्वारा राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए धरना प्रदर्शन किया गया।

समिति के जिला संयोजक लूणा राम सियाग ने बताया कि राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को सौंपे गये ज्ञापन में तीनों कृषि कानून रद्द करने, श्रमिक विरोधी चारों लेबर कोड वापस लेने, महंगाई पर रोक लगाने, डीजल- पेट्रोल, रसोई गैस के साथ ही अन्य खाद्य सामग्रीयों के दामों में की गई भारी बढ़ोतरी को जनता के हित में वापस लेने, राष्ट्रीय सरकारी संपत्तियों यथा रेल, हवाई अड्डे, बंदरगाह इत्यादि निजी हाथों में जाने से रोकने, न्यूनतम मजदूरी  26 हजार मासिक करने के, देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किए जाने एवं लखीमपुर खेरी में चारों किसानों की हत्या करने वाले की निष्पक्ष जांच किए जाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।

सियाग ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिलें में बरसात से किसानों की फसलें खराब हो चुकी है जिसका उचित गिरदावरी कराते हुए सरकार किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करावें।

राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए समिति के जिला संयोजक लुणाराम सियाग, राजस्थान किसान सभा के जिला महासचिव प्रभात कुमार सिन्हा, भारतीय किसान यूनियन “टिकेत” के जिला उपाध्यक्ष हरि सिंह चुंडावत चावंडिया एवं जिला अध्यक्ष लेहरु लाल जाट दौलतपुरा, अखिल भारतीय किसान सभा चित्तौड़गढ़ के रतन लाल शर्मा, सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष कालू राम सुथार, भारतीय जागरूक किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभियंता अनिल सुखवाल, सीपीआईएम चित्तौड़गढ़ ब्रांच सचिव मोहम्मद इकबाल छिपा, सीमेंट मजदूर यूनियन निंबाहेड़ा के कार्यालय मंत्री कालू खान आदि मौजूद रहें।

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