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बस्सी-दो शिक्षकों की सोच व समर्पण ने बदली बस्सी विद्यालय की तस्वीर, जिस विद्यालय में पढ़े आज वही शिक्षक बनकर सेवाएं दे रहे हैं।

शिक्षक दिवस विशेष
वीरधरा न्यूज़।बस्सी@श्री आशीष नुवाल।

बस्सी।कहते हैं जब मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना होती हैं ,तो कुछ भी असंभव नहीं रहता है यही साबित कर दिखाया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बस्सी के इन दो व्याख्याताओं ने जिन्होंने अपनी सोच, समर्पण और मेहनत के बल पर विद्यालय के तस्वीर को बदल दिया। इन्होंने एक दशक की अपनी मेहनत के बलबूते पर रूखे सूखे और बेजान से दिखने वाले विद्यालय के स्वरूप को निखार दिया । इन्होंने न केवल भामाशाह से संपर्क कर विद्यालय को समस्त भौतिक सुख-सुविधाओं से पूर्ण बनाया,बल्कि पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण आयाम स्थापित किए। आज बस्सी विद्यालय भौतिक सुख-सुविधाओं के साथ-साथ शैक्षणिक क्षेत्र में जिले में महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं ।जहां बृजेश कुमार सिंह ने भामाशाह को प्रेरित किया वही व्याख्याता राजकुमार तोलंबिया ने शैक्षणिक क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं। तोलंबिया ने जोकि नित्य नए नवाचारों के लिए जाने जाते हैं न केवल अपने विद्यालय बल्कि अन्य विद्यालयों भी ई कंटेंट के माध्यम से अध्यापन को सुचारू बनाने में मदद कर रहे हैं । ज्ञात रहे कि व्याख्याता तोलंबिया इस विद्यालय के पूर्व छात्र भी रहे हुए हैं। तोलंबिया विद्यालय में अध्ययन करने के पश्चात इसी विद्यालय में शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
इन अध्यापकों ने पर्यावरण को संरक्षण एवं संवर्धन देने के लिए विद्यालय के छात्रों का एक समूह बनाया जिन्होंने न केवल विद्यालय में बरन विद्यालय के बाहर अपने खेत खलिहान में भी पर्यावरण की अलख जगा रहे हैं ।आज विद्यालय में 400 से अधिक पौधे जो जीवित अवस्था में है जिससे विद्यालय का स्वरूप सुंदर निखरा सा लग रहा है। आज इस विद्यालय में दो वाटिका हैं ,दादोसा स्मृति उद्यान व गांधी वाटिका हैं। भामाशाह को प्रेरित करने के साथ-साथ इस विद्यालय के यह दोनों व्याख्याता स्वयं दरवाजों पर रंग रोगन में सहयोग कर लागत को कम करने का प्रयास भी करते हैं। ज्ञात रहे कि दोनों ही राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान पर सम्मानित शिक्षक हैं।

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