वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार में बुधवार को इंजीनियरिंग और साइंस एंड टेक्नोलॉजी संकाय के स्टूडेंटस के लिए भौतिकी विभाग ने इंक्यूबेशन सेंटर के सहयोग से एक विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसका विषय वर्तमान युग में डिजिटल प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग था। कार्यक्रम में उदयपुर स्थित गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज में इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन के हेड लतीफ खान ने स्टूडेंट्स को विभिन्न डिजिटल प्रौद्योगिकियों इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा और विश्लेषण, कृत्रिम बुद्धिमता, रोबोेटिक्स और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकियों को प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक समझाया कि किस प्रकार इनका उपयोग करके ऊर्जा की बचत और कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इस व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों के समृद्ध उपयोग से स्टूडेंट्स को अवगत कराना था। इस मौके पर स्टूडेंट्स को स्वयं के आइडिया से संबंधित प्रोजेक्ट तैयार करने के चरण भी बताएं गए।
कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मेवाड़ यूनिवर्सिटी में इंक्यूबेशन सेंटर इंचार्ज डॉ. गुलजार अहमद ने यूनिवर्सिटी में कार्य कर रहे मेवाड़ इंक्यूबेशन सेंटर और सोलर इंक्यूबेशन सेंटर की कार्यशैली की स्टूडेंट्स को गहनता से जानकारी दी। अपने विशेषज्ञ व्याख्यान में लतीफ खान ने प्रजेंटेंशन का उपयोग करत हुए निम्न मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार आईओटी के माध्यम से संगृहीत डेटा के उपयोग से उपकरणों की स्थिति और कार्यक्षमता, बिग डेटा के संग्रहण और विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न प्रोसेसर को समझने में सहायक डेटा पैटर्न, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग से उपकरणों को स्वचालित रूप से प्रबंधित करना, रोबोटिक्स और स्वचालन के उपयोग से विभिन्न कार्याें को करना ताकि सुरक्षा को बढ़ावा और कार्यक्षमता में सुधार हो सकें। ब्लॉकचेन के माध्यम से डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित करना ताकि अवैध पहुंच और बदलाव से बचा जा सकें।
उन्होंने स्टूडेंट्स को संबंधित अनुप्रयोगों की जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकियों से संबंधित कोर्स में स्टूडेंट्स को रोजगार के बेहतर ऑप्शन उपलब्ध होंगे। मेवाड़ यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) आलोक मिश्रा ने कहा कि ऐसे एक्सपर्ट लेक्चर के जरिए स्टूडेंट्स को मार्केट में आ रही नई-नई तकनीकियों के बारे में अवगत होते है। इससे उनके ज्ञान का विस्तार होता है। कार्यक्रम का समापन सहायक प्रोफेसर लोन फैजल ने किया। इस मौके पर स्टूडेंट्स ने विभिन्न प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की।