वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौडग़ढ़।गुरु के बिना सफल एवं सार्थक जीवन की कल्पना करना भी व्यर्थ है। गुरु अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना वाला मार्गदर्शक है। गुरु के बिना कोई भी अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। गुरु अज्ञान को नष्ट करके हमें ज्ञान रूपी प्रकाश प्रदान करता है। सद्गुरु से संबंध बनाए बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती ।गुरु इस संसार रूपी भवसागर से पार कराने आने वाले सच्चे पथ प्रदर्शक हैं। आत्म जागरण का सबसे पहला पाठ गुरु से संबंध बनाना है। विनीत भाव से उनके चरणों में मन एवं भावों से समर्पण कर दें तो इस संसार रूपी भवसागर से पार होना सुनिश्चित है और वह साधक परम पद को प्राप्त कर लेता है। उक्त विचार मेवाड़ उप प्रवर्तक कोमल मुनि ने मंगलवार को शांति भवन सेंथी में धर्म सभा में रखें। इससे पूर्व लोकेश मुनि व नवदीक्षित हर्षितमुनि ने धर्म सभा को संबोधित किया। महासाध्वी यशकंवरजी की मासिक पुण्यतिथि पर सामूहिक नवकार मंत्र जाप, एकासन व्रत एवं सामायिक से साधना की गई।
श्रीअंबेशगुरू सेवा समिति उपाध्यक्ष रतन लाल मारू ने बताया कि मुनि मंडल बुधवार सुबह विहार करके गांधी नगर स्थित महावीर भवन पहुंचेंगे जहां सुबह 9 बजे प्रवचन होंगे।