गुजरात में भाजपा की नहीं कॉरपोरेट की हुई जीत, अब देश में बढ़ेगी महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी- आप जिला कॉर्डिनेटर सुखवाल।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के 157 सीटों के साथ जीत के बाद भी आम आदमी पार्टी के विधायकों की खरीद फरोख्त करने पर आम आदमी पार्टी के जिला कोऑर्डिनेटर अभियंता अनिल सुखवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत के बाद भी आम आदमी पार्टी के विधायकों से डरी हुई है इन्हें डर है कि कहीं वह हमारे भ्रष्टाचार की पोल जनता के समक्ष जगजाहिर नहीं कर दें इसीलिए वह हमारे विधायकों को खरीद फरोख्त करने में जुटी हुई है जो कि एक निंदनीय कृत्य है और यह बात भारतीय जनता पार्टी के भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है।
गुजरात में भाजपा की हुई जीत पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह जीत भाजपा के नहीं बल्कि केंद्र सरकार द्वारा गुजराती उद्योगपतियों के किए गए 10 लाख करोड़ के लोन माफी की जीत है।
एक तरफ इसके चलते गुजरात में कांग्रेस ने प्रदर्शन ही नहीं किया तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी कॉरपोरेट्स के दम पर पहले ही जीत के लिए आसक्त हो चुकी थी दूसरी ओर भाजपा की जीत में अहम भूमिका सट्टा बाजार ने पहले ही भाजपा को जीत और बढ़त दिखाकर गुजरात की जनता को गुमराह किया तीसरा और बड़ा कारण गुजरात के उद्योगपतियों द्वारा देश के बड़े 72 प्रतिशत टीवी चैनल जोकि एग्जिट पोल में पहले से ही भाजपा की जीत को बार-बार दिखा रहे थे एक तरह से देखा जाए तो यह चुनाव भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच ना होकर सिर्फ और सिर्फ गुजरात के उद्योगपतियों और आम आदमी के बीच में संघर्ष था जिसमें आम आदमी को हराकर गुजरात के शीर्ष उद्योगपतियों ने जनता के वोट भाजपा को दिलाने में सफलता प्राप्त की है यह लोकतंत्र की हत्या है। इसके अलावा दिल्ली एमसीडी और भाजपा हरियाणा सहित देश में जितने भी उपचुनाव हुए उसमें फिसड्डी साबित हुई।
इसलिए आने वाले आम चुनाव 2023 में राजस्थान में आम आदमी पार्टी अपनी सरकार बनाने के लिए तैयार है क्योंकि किसी भी राजस्थानी शीर्ष उद्योगपति पर बैंक का कोई बड़ा कर्जा बकाया नहीं है इसलिए राजस्थान में भाजपा की उद्योगपतियों की ऋण माफी वाली धमकी चलने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह बात साफ है कि गुजरात में भाजपा की सरकार बनाने के लिए केन्द्र में बैठी भाजपा सरकार ने गुजराती उद्योगपतियों का दस लाख करोड़ का लोन माफ किया था जिसका खामियाजा अब कर्ज देश की जनता बढ़ती महंगाई और बेरोज़गारी के रूप में चुकाएगी।