बाड़मेर-जिंदा नवजात को फेंकने वाली नाबालिग की मां गिरफ्तार: पहली बार पुलिस ने किया खुलासा, नवजात की नाबालिग मां को लिया संरक्षण में।
वीरधरा न्यूज़।सांचौर@ श्री गमनाराम चौधरी।
बाड़मेर। 9 माह तक गर्भ रखने के बाद नाबालिग मां (साढ़े सत्रह साल) और उसकी मां ने नवजात को मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया। पुलिस ने मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना का 10 दिन में खुलासा करते हुए नवजात की नाबालिग मां को संरक्षण में लिया और साथ ही नाबालिग की मां को गिरफ्तार किया।
घटना बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना इलाके मेघवालों की बस्ती स्कूल का है। जिले में पहली बार नवजात के फेंकनें के बाद पुलिस ने खुलासा किया है। वहीं बच्ची का इलाज डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में चल रहा है। वहीं एक एएनएम की भूमिका संदिग्ध है। ड्राइवर से पूछताछ पर पूरे मामले का खुलासा हुआ है।
20 अक्टूबर को धोरीमन्ना इलाके के अरणियाली गांव से आगे मेगवालों की बस्ती स्कूल के पास सड़क किनारे पर बच्ची को फेंक गया था। बच्ची का जन्म 5 घंटे पहले ही हुआ था। जहां उसे फेंका गया था, वहां आस-पास मिट्टी और कटीली झाड़ियां थी। सुबह जब बच्ची के रोने की आवाज आई तो आस-पास काम कर रहे किसान दौड़कर मौके पर पहुंचे। बच्ची सड़क किनारे मिट्टी में सनी हुई थी। पुलिस टीम ने बच्ची को धोरीमन्ना हॉस्पिटल में एडमिट कराया, जहां से बाद में उसे बाड़मेर के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। नवजात का इलाज जारी है।
धोरीमन्ना थानाधिकारी सुखराम विश्नोई के मुताबिक नवजात बच्ची के मिलने के बाद थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच में उसी गांव की नाबालिग बच्ची ने नवजात बच्ची को जन्म दिया था। इसमें नाबालिग मां और उसकी मां भी शामिल थी। इस पर पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में लिया है। वहीं मां महिला को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं गर्भवती बनाने वाले आरोपी की तलाश की जा रही है। फिलहाल जांच चल रही है। पुलिस ने गाड़ी में ले जाने वाले ड्राइवर भागीरथ को सरकारी गवाह बनाया है।
किराए गाड़ी लेकर सांचौर जा रहे डिलीवरी करवाने
पुलिस की जांच में सामने आया है कि नाबालिग बच्ची बचपन में शादी हो रखी थी। लेकिन मुकलावा नहीं होने की वजह से अपने पीहर में थी। 9 माह से गर्भ में थी। नाबालिग की मां के पेट में दर्द होने पर गाड़ी किराए पर लेकर सांचौर के लिए रवाना हुए थे। लेकिन मेगवालों की बस्ती स्कूल के पास किसी बहाने से मां व गर्भवती नाबालिग दोनों नीचे उतरे और वही पर डिलीवरी हो जाने पर नवजात बच्ची को सड़क किनारे फेंककर गाड़ी में बैठलर चले गए। ड्राइवर को पता हीं नहीं चलने दिया। सांचौर पहुंचने पर 2 हजार रुपए किराया देकर गाड़ी को रवाना कर दिया।
एएनएम की भूमिका संदिग्ध
स्थानीय लोगों का कहना है कि नवजात बच्ची की डिलीवारी करवाने में एक स्थानीय एएनएम की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। यह बताया जा रहा है कि एएनएम पेट दर्द होने पर दवाई दी थी। वहीं ड्राइवर के पूछताछ में ही जिंदा नवजात फेंकने का खुलासा हुआ है।
पुलिस ने नाबालिग बच्ची का डीएनए टेस्ट
धोरीमन्ना थानाधिकारी सुखराम विश्नोई ने बताया कि नाबालिग बच्ची का डीएनए टेस्ट करवा दिया गया है। अब नवजात का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। इसके बाद नाबालिग को गर्भवती करने वाले आरोपी की तलाश की जा रही है।