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जोधपुर-सेहत अच्छी तो समझो स्वर्ग हमारी हथेली में है – राष्ट्र-संत चन्द्रप्रभ जी संबोधि धाम में श्रद्धालुओं ने लिया यौगिक नृत्य का आनंद।

 

वीरधरा न्यूज़। जोधपुर@डेस्क।

जोधपुर। राष्ट्र-संत चन्द्रप्रभ जी महाराज ने कहा कि पहला सुख निरोगी काया। यदि हमारी सेहत अच्छी है तो समझो स्वर्ग का पहला सुख हमारी झोली में है। अच्छी सेहत के लिए अपनी जीवन-शैली और खान-पान को सुधारें। सूरज उगे, उससे पहले उठ जाइये और हर दिन उगते सूरज का अभिवादन कीजिए। सुबह आँख खुलते ही एक मिनट तक प्यार से मुस्कुराइये। यह सुबह का विटामिन आपको दिनभर मुस्कान से भरे रखेगा। सुबह उठते ही खाना-पीना शुरू मत कीजिए। पहले शौच-क्रिया से निवृत्त हो लीजिए और स्नान-ध्यान के बाद ही सुबह का दूध-नाश्ता लीजिए। सुबह खाली पेट टहलने अथवा स्वास्थ्यवर्धक योगासन करने की नियमित आदत डालिए। इससे तन-मन की जड़ता दूर होगी और जीवन में स्फूर्ति तथा संजीवनी का संचार होगा। हमारा दिल हमारे लिए 24 घंटे अनवरत चलता रहता है। यदि हम रोजाना सुबह 1 घंटा चल लें, तो इसे लम्बे समय तक चलने में कोई रुकावट नहीं आएगी।
संतप्रवर कायलाना रोड स्थित संबोधि धाम में आयोजित सत्संग एवं प्रवचन कार्यक्रम में तीर्थ दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धैर्यपूर्वक भोजन कीजिए और भोजन के उपरांत एक गिलास छाछ भी पीजिए। तली हुई चीजों और बाजारू मिठाइयों से परहेज रखिए। भोजन में रेशेदार सब्जियाँ, दालें, अनाज, सलाद और फल को शामिल कीजिए और इस तरह हार्ट, बी.पी. और डायबीटिज जैसी बीमारियों को दूर भगाइए। सुबह नाश्ते में अथवा दोपहर में एक बार फल अवश्य खाइए। कहावत है रू रोजाना सुबह एक सेव खाने वाला अपना चिकित्सक आप होता है।
उन्होंने कहा कि पानी पीने में कंजूसी मत कीजिए। पानी हमें घातक बीमारियों से बचाता है और पाचन-क्रिया तथा रक्त-संचार-व्यवस्था को दुरुस्त रखता है। एक दिन में कम-से-कम सात-आठ गिलास पानी तो पी ही लिया जाना चाहिए। नींद शरीर की बैटरी को चार्ज करती है। नींद पूरी ली जा सके, इसके लिए देर रात तक पढऩे, टी.वी. देखने अथवा जागने की आदत से छुटकारा पाइए। बढ़े नाखूनों को काटिए। हाथ धो-पौंछकर ही भोजन लीजिए। इससे आप रोगों और जीवाणुओं के संक्रमण से बच जाएँगे।
उन्होंने कहा कि रोजाना एक मिनट ताली बजाइए, जोर के दस ठहाके लगाइए, पाँच मिनट जॉगिंग कीजिए, दस मिनट प्राणायाम कीजिए और बीस मिनट ध्यान कीजिए। आप तन-मन और प्राण तीनों ही दृष्टि से स्वस्थ, तनावमुक्त और सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छी सेहत के लिए पाँच मंत्र हैं 1. सम्यक आहार, 2. सम्यक व्यायाम, 3. सम्यक प्राणायाम, 4. सम्यक ध्यान, 5. सम्यक विश्राम। इन पाँच बातों को जीवन से जोड़िए, आपको हर रोज पंचामृत पीने का आनंद मिलेगा।
इससे पूर्व श्रद्धालु भाई-बहिनों ने संबोधि धाम तीर्थ के दर्शन किए। साधना सभागार में ध्यान का अभ्यास करते हुए योगिक नृत्य का आनंद लिया। मंच संचालन योगिता यादव और आभार विभा सराफ ने माना।

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