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डुंगला-विदेशी पर्यटक की दुर्घटना में मृत्यु एवं एक अन्य विदेशी पर्यटक का घायल होने का दावा क्षतिपुर्ति राशि 22 करोड़ रूपये का खारिज।

वीरधरा न्यूज़।डुंगला@ श्री पवन अग्रवाल।


डुंगला- मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी माननीय न्यायाधीश महोदय श्री बी.एस. पाण्डिया जी द्वारा दिये गये निर्णय में विपक्षी बीमा कम्पनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड व अन्य विपक्षीगण को बाईस करोड पचास लाख रूपये की क्षतिपुर्ति राशि के दायित्व से मुक्त किया गया।
प्रकरण के अनुसार घायल प्रार्थीया कीमदा जंग व मृतका कीम दामी निवासीयान सियोल साउथ कोरिया की रहने वाली थी जो ट्यूरिस्ट विजा पर भारत आई और प्रार्थीगण के अनुसार दुर्घटना में कीमदामी की मृत्यु हो गई और कीमदा जंग घायल हो गई जिसकी क्षतिपुर्ति राशि बाबत् उनके अधिवक्ता द्वारा क्रमशः 12,67,00,000/-रूपये अक्षरे बारह करोड सतेसठ लाख रूपये एवं 9,82,20,000/-रूपये नो करोड बरियासी लाख बीस हजार रूपये की क्षतिपुर्ति राशि प्राप्त करने बाबत् एक क्लैम प्रार्थनापत्र मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, चित्तौड़गढ़ में पेश किया और दोनों की मासिक आय पैतिस लाख वोंग कोरियाई करेंसी जो कि भारतीय मुद्रा के अनुसार उस वक्त की प्रचलित भारतीय मुद्रा की दर से 1,34,615/-रूपये अक्षरे एक लाख चौतिस हजार छः सो पन्द्रह रूपये मासिक होना वर्णित किया गया जिससे इस दुर्घटना में कीमदामी की मृत्यु होने पर उसके पिता कीम यंग डीयक एवं माता यु बांग बक जो कि साउथ कोरिया में सियोल के निवासी है उनके द्वारा क्लैम प्रार्थनापत्र अधिकरण में प्रस्तुत किया और बताया कि दिनांक 13.07.2009 को सुबह 3ः30 बजे मृतका व घायल प्रार्थीया स्लीपर बस संख्या आरजे 19 पीए 2250 से जैसलमेर से उदयपुर जा रहे थे कि थाना केलवा क्षैत्र में दुर्गा कुण्ड मियारी मोड से आगे बस व ट्रोला संख्या आरजे 30 जीए 0997 के चालक साईड से टक्कर हो गई जिससे ट्रॉले की साईड बोडी चीरते हुए निकल गई और दुर्घटना घटित हुई जिससे प्रार्थीया कीमदा जंग घायल हो गई व कीमदामी की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
विपक्षी बीमा कम्पनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की ओर से अधिवक्ता सुमित गर्ग द्वारा पैरवी की गई तथा उक्त प्रकरण में मृतका की माता के द्वारा विडीयो कॉंफ्रसिंग के जरिये साउथ कोरिया में स्थित भारतीय एम्बेसी के सहयोग के माध्यम से जिरह की गई।
एमएसीटी कोर्ट, चित्तौड़गढ़ के न्यायाधीश बी.एस. पाण्डिया के समक्ष बीमा कम्पनी के अधिवक्ता सुमित गर्ग ने दौराने बहस यह तथ्य बताया कि उक्त प्रकरण में ना तो कोई मौके का चश्मदीद साक्षी प्रस्तुत हुआ है एवं ना ही घायल प्रार्थीया जो कि मौके की चश्मदीद साक्षी थी के बयान करवाये है जिस पर माननीय अधिकरण द्वारा यह माना गया कि क्लैम प्रार्थनापत्र में तथ्यों को साबित करने का भार प्रार्थीगण के उपर रहता है परंतु उक्त प्रकरण में ना तो कोई चश्मदीद साक्षी एवं ना ही घायल प्रार्थीया पेश हुई है जिससे उक्त क्लैम प्रार्थनापत्र में वर्णित तथ्यों को प्रार्थीगण साबित नहीं करा पाये है। इस वजह से माननीय अधिकरण द्वारा प्रार्थीगणों का क्लैम खारिज कर बीमा कम्पनी एवं अन्य विपक्षीगण को क्षतिपुर्ति राशि के दायित्व से मुक्त किया गया।

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