चित्तोडगढ़-वकील गिरिराज जोशी के हत्याकांड में 6 को आजीवन कारावास,2 आरोपी अब भी फरार,दो जिलों की पुलिस को पकड़ने का आदेश।
वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।चित्तौड़गढ़ । जिला एवं सत्र न्यायालय ने 14 साल पुराने हत्या के मामले में 6 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में दो आरोपी फरार है,जिन्हें गिरफ्तार करने के लिए चित्तौड़गढ़ जिला और प्रतापगढ़ जिले के एसपी को आदेश दिया गया है। न्यायाधीश केशव कौशिक ने सभी आरोपियों को 1 अक्टूबर को ही दोषी करार दे दिया था। आरोपी प्रतापगढ़ के एडवोकेट और कांग्रेस नेता गिरिराज जोशी की हत्या के मामले में दोषी है। विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि 6 जनवरी 2007 को प्रतापगढ़ के एडवोकेट गिरिराज की उनके ऑफिस में अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पहले प्रतापगढ़ भी चित्तौड़गढ़ जिले में था। मामले को चित्तौड़गढ़ जिला न्यायालय में ट्रांसफर किया गया।
10 आरोपियों को किया था गिरफ्तार
कार्यालय में मौजूद विशाल सालवी ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। जिस पर तत्कालीन प्रतापगढ़ थाना अधिकारी कन्हैयालाल ने जांच करते हुए मामले में वसीम उर्फ बबलू पिता नियामत खान निवासी नौगांवा थाना अरनोद, बाउद्दीन उर्फ भाउद्दीन पिता अब्दुल शकूर निवासी बड़ी होली मंदसौर, शाकिर पिता शफी मोहम्मद निवासी प्रतापगढ़, अमीन खां पिता जानेस खां निवासी अखेपुर, चुन्नू उर्फ इमरान पिता डेरान खां निवासी नौगांवा, मुस्तफा पिता महमूद खान निवासी नौगांवा, प्रेम मोहन पिता चिमन कुमार सोमानी निवासी प्रतापगढ़, गुलाम अब्बास पिता फिदा हुसैन बोहरा निवासी प्रतापगढ़, बबलू उर्फ शराफतउल्लाह पिता डेरान खान निवासी नौगांवा और रोशन खान पिता अमीन खान निवासी अखेपुर को गिरफ्तार किया। सभी के खिलाफ अलग-अलग तीन चरणों में हत्या,आपराधिक साजिश और आर्म्स एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की।
दो आरोपियों की हो गई मौत
मामले की सुनवाई के दौरान बाउद्दीन की 17 मई 2016 और अमीन खान की 5 अगस्त 2019 को मृत्यु हो गई। जिसके बाद बचे 8 आरोपियों के खिलाफ हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 102 गवाह और 183 दस्तावेज पेश किए गए। दोनों पक्षों की बहस के बाद न्यायाधीश केशव कोशिश ने सभी आठ आरोपियों को 1 अक्टूबर को ही दोषी माना है। यह सुनवाई 14 बाद पूरी हुई है।
जमीन से जुड़ा हुआ था मामला
प्रतापगढ़ जिले का उक्त प्रकरण काफी चर्चित रहा। एडवोकेट गिरिराज जोशी को शाकिर हुसैन बोहरा ने ईदगाह के पास स्थित अपनी भूमि की पावर ऑफ अटॉर्नी दे रखी थी। इस भूमि को अंजुमन कमेटी की ओर से ईदगाह के पास होने के कारण खरीदने का प्रयास किया जा रहा था। कई बार समझौता और वार्ता होने के बाद भी बात नहीं बन पाई। जिसके बाद उक्त आरोपियों ने साजिश रचकर गिरिराज जोशी की हत्या करा दी गई।
आजीवन कारावास की सजा सुनाई
न्यायाधीश केशव कौशिक ने धारा 302, 120 बी 460 में सबको दोषी पाते हुए आजीवन कारावास के साथ साथ प्रत्येक धाराओं में 20-20 हजार रुपए जुर्माना से भी दंडित किया। इनमें से इमरान और रोशन को 4 /25 आर्म्स के तहत सजा सुनाई गई। वसीम और शाकिर दोनों आरोपी फरार है जिसको पकड़ने के लिए चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ के एसपी को आदेश दिया गया।