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राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य रहे दो दिवसीय चित्तोड़ दौरे पर।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, जयपुर के सदस्यगण डॉ. विजेन्द्र सिंह, डॉ. शैलेन्द्र पाण्ड्या एवं श्रीमती नुसरत नकवी 11 एवं 12 अक्टूबर को चित्तौड़गढ़ के दौरे पर रहें।
11 अक्टूबर को अन्तराष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग तथा आसरा विकास संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में अयोजित कार्यक्रम में समिति कक्ष, जिला कलक्टर कार्यालय, चितौडगढ में शिरकत करी। उक्त कार्यक्रम में सर्वप्रथम सदस्यगण का स्वागत किया गया, तत्पश्चात आयोग द्वारा बालिकाओ के हितो व अधिकारो की जानकारी प्रदान किये जाने व गुड टच-बेड टच की जानकारी प्रदान करने के साथ ही बालिकाओं के अधिकारों से जुडे़ कानूनों की जानकारी प्रदान की गई। तत्पश्चात स्वयं का बाल विवाह रूकवाने का साहसिक कार्य करने वाली बालिकाओं को उक्त कार्यक्रम में सम्मानित कर बालिका का होसला बढ़ाया गया।
12 अक्टूबर को प्रातः 10.15 ए.एम. पर राजस्थान बाल संरक्षण आयोग, जयपुर के सदस्यगण डॉ. विजेन्द्र सिंह, डॉ. शैलेन्द्र पाण्ड्या एवं श्रीमती नुसरत नकवी की अध्यक्षता में किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों व बाल संरक्षण के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला प्रशासन व संबंधित विभागों के जिला अधिकारियों के साथ जिला कलक्टर कार्यालय के समिति कक्ष में बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, पुलिस उपाधीक्षक तथा बाल कल्याण समिति से अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल व सदस्यगण तथा मानव तस्करी विरोधी यूनिट, चाईल्ड लाईन, महिला बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहें।
बैठक में सर्व प्रथम ज्योति प्रकाश अरोड़ा, सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा माननीय सदस्यगण की अनुमति अनुसार बैठक का प्रारम्भ कर जिला बाल संरक्षण इकाई के विभिन्न घटक, बालगृह ,बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के संबंध में जानकारी प्रदान की गई तथा बाल संरक्षण के संबंध में जिले में पोक्सो अधिनियम, बाल श्रम व बालकों में नशे के संबंध में की जा रही कार्यवाही के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात आयोग के माननीय सदस्यगण द्वारा विभागवार बाल संरक्षण के कार्यो के संबंध में चर्चा की गई।
सर्वप्रथम श्रम विभाग द्वारा उनके स्तर से वर्ष 2021 में किये गए रेस्क्यू तथा बंधुआ श्रमिकों व बाल श्रमिकों को प्रदान की गई सहायता के संबंध में जानकारी प्रदान की गई ।
शिक्षा विभाग के स्तर से कोरोना एस0ओ0पी0 की पालना, विद्यालय में सी0सी0टी0वी0 की स्थिति तथा टी0सी0 के कारण शिक्षा से वंचित बच्चों के संबंध में जानकारी प्रदान की गई तथा सी0एस0आर0 के तहत बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान कराये जाने के प्रकरणों की आयोग की जानकारी प्रदान की गई । आयेाग द्वारा गुड टच बेड टच के पोस्टर विद्यालयों में लगवाये जाने के निर्देश प्रदान किये गये व साथ ही आयोग द्वारा शिक्षा से वंचित बच्चों के संबंध में कार्यवाही किये जाने तथा बाल श्रम से रेस्क्यू किये गये बालकों को शिक्षा से जोड़े जाने व आगामी छः माह तक फोलोअप किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये ।
महिला बाल विकास विभाग द्वारा विभाग के कार्मिको के संबंध में अवगत कराया गया कि जिलों में 1786 आंगनवाड़ी के माध्यम से बच्चों को पोषक प्रदान किया जा रहा हैं। आयोग द्वारा कुपोषित बच्चों के संबंध में जानकारी प्राप्त कराने के साथ ही कुपोषित बच्चों हेतु चिकित्सा विभाग के सहयोग से उपचार कराये जाने व आंगनवाडी ’’पोषक वाटिका’’ लगाये जाने के निर्देश प्रदान किये गये ।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक ज्योति प्रकाश अरोड़ा द्वारा विभाग की योजनाओं की जानकारी प्रस्तुत की गई तथा माननीय मुख्यमंत्री बजट घोषणा अनुसार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के पोर्टल द्वारा स्वत वेरीफिकेशन व स्वत स्वीकृति की प्रक्रिया से अवगत करवाया गया तथा मुख्यमंत्री कारोना सहायता योजना अन्तर्गत प्रदान की गई सहायता की जानकारी प्रदान की गई। आयोग द्वारा मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना के संबंध में जिले की प्रगति के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई तथा उक्त योजना अन्तर्गत प्रयास करके अधिक लाभान्वितों को जोड़ने के निर्देश प्रदान किये गये ।
जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक डॉ. टीना अरोड़ा द्वारा जिला बाल सरंक्षण इकाई के कार्यो व विभाग की महत्वपूर्ण योजना की गौराधाय ग्रुप फोस्टर केयर, वात्सल्य फोस्टर केयर, समर्थ योजना आदि के संबंध में जानकारी प्रदान करने के साथ ही साथ ही मुख्यमंत्री कोरोना सहायता अन्तर्गत सहायता प्रदान किये गये बच्चों की जानकारी प्रदान की गई। आयोग द्वारा ब्लॉक स्तर पर संरक्षक समिति के गठन करवाये जाने के निर्देश प्रदान किये गये।
चिकित्सा विभाग के द्वारा विभाग के स्तर से किये जा रहे कार्यो की जानकारी प्रदान की गई । आयोग के माननीय सदस्यगण द्वारा चिकित्सालय में संचालित पालना गृह की जानकारी प्राप्त की गई तथा पालना गृह के प्रचार-प्रसार व आवश्यकता का आंकलन कर जिले में अन्य चिकित्सालयों में पालना गृह स्थापित किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये तथा बाल श्रमिकों व अन्य बालकों को चिकित्सा जांच के समय पर उनकी जांच प्राथमिकता से व सह-सम्मान किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये।
पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2021 में दर्ज बाल श्रम प्रकरणों की जानकारी प्रस्तुत की गई तथा एसजीएसयू की निरंतर बैठकों के संबंध में आयोग को जानकारी प्रदान की गई । माननीय आयोग द्वारा बाल श्रम के प्रकरणों को किशोर न्याय अधिनियम की धाराओं में भी दर्ज करने के निर्देश प्रदान किये गये ।
आयोग के सदस्य डॉ. विजेन्द्र सिंह द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में जानकारी प्रदान की गई तथा बच्चों के प्रकरणों को कानून से हटकर देखने व सोचने तथा बालकों के सर्वोत्तम हित में निर्णय करने के निर्देश प्रदान किये तथा निर्देश प्रदान किये गये कि बच्चों के प्रकरणों का निस्तारण करते समय तथा किसी भी विभाग द्वारा बच्चों के संबंध में कार्य करते समय उनके माता-पिता व अभिभावक के रूप में सोच रखते हुए कार्य करके निर्णय लेने के बारे में कहा गया। साथ ही बालिकाओं की सुरक्षा हेतु उपलब्ध कानूनों का पूर्व उपयोग किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये तथा बताया कि बालकों की समुचित देखभाल व सुरक्षा इस मायने में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं कि समुचित केयर व सुरक्षा का अभाव बच्चों को विधि से संघर्षरत बना सकता हैं ।
सदस्या नुसरत नकवी द्वारा बताया गया कि बालकों की सुरक्षा व देखभाल में व्यवस्था अन्तर्गत स्थापित नेटवर्क महत्वपूर्ण जिसमें उच्च अधिकारी से बाल गृहों के गार्ड व स्वीपर समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं । उनके द्वारा निर्देश प्रदान किये कि प्रदत्त अधिकारों व शक्तियों का केवल बाल संरक्षण के उपयोग किया जा कर बालकों के सर्वोत्तम हितों की सुरक्षा की जावें। साथ ही निर्देश प्रदान किये गये कि बाल श्रम की कार्यवाही में बालकों की सुरक्षा व चिकित्सा आदि को प्रथम प्राथमिकता से सम्पादित किया जावें।
आयोग के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पाण्डया द्वारा बताया गया कि समेकित बाल संरक्षण योजना की मंशा हैं कि विभिन्न संबंधित विभागों में प्रभावी सामंजस्य व सहयोग से कार्य किया जा कर बाल संरक्षण सुनिश्चित किया जावें । उनके द्वारा निर्देश प्रदान किये गये कि जिले में सरकार के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण इकाई, विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल श्रम हेतु जिला टास्क फोर्स व महिला अधिकारिता विभाग की जिला स्तर की समितियों का आवश्यक रूप से गठन करवा कर बैठको का आयोजन किया जावें। साथ ही ब्लॉक स्तर बाल संरक्षण समितियों का भी प्राथमिकता से गठन करवाया जावें। उनके द्वारा थानों में बाल हेल्प डेस्क गठन के निर्देश प्रदान किये गये तथा बाल संरक्षण हेतु जिले का एक्शन प्लान बनाये जाने के निर्देश प्रदान किये गये।
जिला कलक्टर द्वारा समस्त विभागों को आयोग के माननीय सदस्यगण द्वारा प्रदत्त निर्देशों की तत्काल पालना सुनिश्चित किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये। साथ ही बच्चों के प्रकरणों को विशेष संवेदनशीलता से निस्तारित करने के निर्देश प्रदान किये क्योंकि बालक अपनी बात को पूरी तरह से बता नहीं पाते हैं। साथ ही बाल संरक्षण के संबंध में आवश्यक कार्यों को डीएमएफटी व सीएसआर फंड से कराए जाने तथा उक्त कार्य हेतु फण्ड की कमी नहीं होने दी जाएगी बाबत् आश्वासन प्रदान किया गया। तत्पश्चात माननीय सदस्यगण द्वारा राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह का निरीक्षण किया गया एवं बालकों के रचनात्मक कार्यो व बनाई गई कलाकृतियों की प्रशंसा की। संस्थान की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाये जाने हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान किये गये। इसके पश्चात आयोग द्वारा नाबालिग बालिका के प्रकरण में जांच संबंधित कार्य का निष्पादन किया गया।
कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से परिवीक्षा एवं कारागृह कल्याण अधिकारी चन्द्र प्रकाश जीनगर, नन्द लाल वैष्णव, आसरा विकास संस्थान से भोजराज आदि उपस्थित रहें।

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