वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। वरिष्ठ नागरिक मंच संस्थान, उपशाखा गांधीनगर की 25 वीं संगोष्ठी रविवार को त्रिपोलिया हनुमान मंदिर गांधी नगर पर योग, ध्यान व साधना के साथ मंच के कार्यवाहक अध्यक्ष बसंती लाल जैन की अध्यक्षता में व डॉ आई एम सेठिया के मुख्य आथित्य व पूर्व प्राचार्य डॉ ए.एल.जैन, योगाचार्य विष्णु दत्त भट्ट व अमरकंठ उपाध्याय के अतिविशिष्ट आथित्य व बंशी लाल कांटिया, अम्बा लाल श्रीश्रीमाल जी. एस. दशोरा, प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा व मंच कार्य.महासचिव दिनेश कुमार खत्री के विशिष्ट आथित्य में आयोजित की गई।
शाखा के उपाध्यक्ष राधेश्याम आमेरिया ने बताया कि संस्थान के संस्थापक महासचिव स्वर्गीय आर सी डाड की पंचम मासिक पुण्यतिथि के अवसर पर उपशाखा की संगोष्ठी”स्वयं की कमियों को पहचाने उजागर करें और उनके निराकरण के उपाय बताएं”विषय पर योगाचार्य डॉ आर एस मंत्री के सानिध्य में आयोजित हुई जिसमे भारत विकास परिषद की ओर से “प्रकृति से जुड़िए” अभियान के तहत प्रत्येक माह के पहले रविवार को निकाले जाने वाली साइकिल रैली के साइकिलिस्टों का भी स्वागत किया गया व स्वर्गीय डाड की पुण्य स्मृति में स्मरणांजलि स्वरूप वृक्षारोपण भी किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ आई एम सेठिया ने संबोधित करते हुवे कहा कि संस्था बनाना आसान है पर चलाना बहुत मुश्किल डाड़ को याद करते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिक मंच अपने स्थापना काल से नगर को सामाजिक सरोकारों से जोड़ते हुए संस्कार वह मानव मूल्यों को स्थापित किया भारत विकास परिषद व वरिष्ठ नागरिक मंच को चित्तौड़गढ़ की जीवंत संस्थाएं बताते हुए कहा कि आज इन दोनों संस्थाओं का संगम हुआ है युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने हेतु माता पिता व इन दोनों संस्थाओं की महती भूमिका निभानी होगी सेठिया ने कहां की धन सभी के पास होता है लेकिन भामाशाह को सदियों तक याद किया जाता है इसलिए जिनके पास धन है उस धन को सदुपयोग करते हुए व समाज व राष्ट्र के निर्माण में योगदान करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि डॉ ए एल जैन ने वरिष्ठजनों को सक्रिय जीवन जीने का मार्ग बताया वह कहा कि संक्षिप्त में अपनी बात कहना बुद्धि विवेक की पहचान है तथा जीवन में सरलता को अनिवार्य बताते हुए कहा कि यही व्यक्ति की पहचान होती है, वही अन्य विशिष्ट अतिथि के रूप में चंदेरिया शाखा के प्रभारी अमरकंठ उपाध्याय ने कहा कि पुरुषार्थ से व्यक्ति निर्बलता को समाप्त कर सकता है इसलिए प्रारब्ध करते रहना चाहिए ।
विशिष्ट अथिति विष्णु दत्त भारद्वाज ने गीता के विभिन्न अध्याय में उल्लेखित योग दर्शन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए जीवन जीने की कला पर चर्चा की व अपने जीवन के उद्धार हेतु प्रातः कालीन समय में योग व साधना का उपाय बताएं ।
इस अवसर पर कमला शंकर मोड, देवेंद्र शर्मा, नंदकिशोर निर्जर, दुर्गाशंकर बंधु, कल्याणमाल आगाल ,राधेश्याम सोनी, के एल नारानीवाल, राधेश्याम अमेरिया ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए विषय के अनुरूप अपनी बात रखते हुवे स्वयं के जीवन को बुराइयों के विरुद्ध स्व आंदोलन से विजय प्राप्त करने के मंत्र बताए।
अध्यक्षीय उद्बोधन में बसंती लाल जैन में कहा कि व्यक्ति बुराई का पुतला है तथा गुरु के समक्ष उसका प्रायश्चित किया जा सकता है उनकी पुत्रवधू के 30 दिन के उपवास पर दिए गए व्याख्यान को सबके समक्ष रखा और मंच सदस्यों का पुत्रवधू के लिए आशीर्वाद मांगा।
इस अवसर पर 7 नए सदस्य भी बने जिनमे शरद चंद्र गंगवार, नंदकिशोर पारीक, डा.आई एम सेठिया, नवीन कुमार वर्डीया, जगदीश चंद्र सोमानी, शिव प्रकाश पुंगलिया व कैलाश चंद्र न्याति का मंच पदाधिकारियों ने स्वागत किया।
इस अवसर पर महेश बसेर, सत्य नारायण ईनाणी, ओम प्रकाश आमेरिया, रामजस कोठारी,मदनलाल ट्रेलर मोहनलाल श्योपुरा, सुरेश चंद्र वर्मा, श्याम वैष्णव ,मेवालाल खोईवाल, नरेंद्र कुमार गौड़, मोहन वजीरानी ,नंदलाल बलवानी व महेंद्र कुमार जैन भारत विकास परिषद के अध्यक्ष बाल किशन धूत सहित मंच व परिषद के अन्य कई सदस्यगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन आर एस अमेरिया ने किया व धन्यवाद ज्ञापित दिनेश कुमार खत्री ने किया।