जयपुर। जयपुर ग्रेटर के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने राज्य सरकार को चेताते हुये कहा है कि जिस भीषण विकरालता के साथ कोरोना ने राजस्थान में पैर पसारे हैं , लोगों की जान पर बन आयी है । लोग अकाल मृत्यु के मुंह में जा रहे हैं फिर भी मानवता के दुश्मन रेमडीसीवर, टोसलिजुएमब जैसी प्राण रक्षक दवाइयों तथा जीवन प्रदान करने वाली ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहे हैं। यह अपने आप में बहुत शर्मनाक है और सरकार द्वारा इस पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर पाना और भी ज्यादा तकलीफ देह है। यह राज्य सरकार के नकारापन और असंवेदनशीलता को प्रकट करता है। उन्होंने कहा जिस प्रकार स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से यह बात सामने आ चुकी है की जीवनरक्षक इंजेक्शनस की कालाबाजारी हो रही है और यह इंजेक्शन अपने निर्धारित दर से कहीं ज्यादा 20,000 से लेकर ₹50000 के अंदर मजबूर लोगों को बेचा जा रहा है इसी तरीके से ऑक्सीजन को लेकर भी सरकार की जो बेपरवाह आक्सीजन नीति है उसके चलते ना सिर्फ लोग ऑक्सीजन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं वहीं अनेक लोगों ने अपने प्राण त्याग दिए हैं या उनके शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ा है। ऑक्सीजन की कालाबाजारी भी जग जाहिर है सरकार जब ऑक्सीजन का न्यायपूर्ण वितरण नहीं कर पा रही तो लोग कालाबाजारी में खरीदने को मजबूर हैं इसके बारे में सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा की कोरोना के भीषण संकट से उत्पन्न परिस्थितियों का बेजा फायदा उठा कर निजी अस्पतालों ने भी बहुत महंगा इलाज कर रखा है। जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। अस्पतालों में लगाये हुए सरकार के नोडल ऑफिसर या तो फोन नहीं उठाते हैं या वह स्पष्ट रूप से कह देते हैं कि वह किसी की भी कोई मदद करने की स्थिति में नहीं है। सबकुछ जानते हुए भी सरकार के मंत्री अनजान बने बैठे हैं। कर्णावट ने कहा कि राज्य सरकार को इन सब बातों का संज्ञान लेते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए और मानवता के खिलाफ इस राष्ट्रीय आपदा में भी कालाबाजारी कर रहे, लूट खसोट कर रहे लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही करने का आदेश जारी कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।