आदमी अगर ठान ले तो पत्थर से भी पानी निकाल सकता है, ऐसा ही कुछ एक युवा के जोश और जुनून से देखने को मिला।
मेवाड़ की पथरीली भूमि 49 डिग्री तापमान में एप्पल का बाग लगा कर उत्पादन लेना असम्भव सा लगता है, परन्तु इसे सम्भव किया है चित्तौड़गढ़ जिले के एक छोटे से गांव सोनियाना के युवा किसान ने। परम्परागत खेती में खास मुनाफा नही मिलने से चिंतित हुए विनोद जाट ने ऑर्गेनिक खेती की ओर अपना कदम बढ़ाया, ओर धोरो की धरती से सेब का बगीचा विकसित करने की ठानी युवा किसान विनोद ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की नर्सरी से कॉरियर के माध्यम से HRNM-99 किस्म के 150 एप्पल के पौधे मंगवाये, जिसे खेत तैयार कर निश्चित दूरी पर खेत मे लगाए,एक साल बाद ही पोधो पर फूल आना शुरू हो गए थे, अभी सभी पोधो पर फल लग रहे है।
विनोद में बताया कि व्यवसायिक उत्पादन 4 साल बाद लिया जाएगा, पोधो की देखभाल कटिंग,खाद उर्वरक कैसे दिए जाए इसके लिए वह समय समय पर हिमाचल के किसानों से परामर्श लेते रहते है।
विनोद पर खेती के कुछ अलग करने का जुनून सवार है, वह हमेशा खेती में नये नये प्रयोग करते रहते है, उन्होने अपने खेत से काले गेंहू, काले चने,लाल मक्का, भूमिगत सेव का भी उत्पादन ले चुके हैं,अब वह अपने खेत मे इन्द्रधनुषी मक्का, लाल चावल व हरे चावल पर भी काम कर रहे है, वर्तमान में विनोद ने अपने खेतों में मोहनजोदड़ो काल की गेंहू की किस्म सोना मोती व खपली गेंहू लगा रखे है।