चित्तौड़गढ़ शहर व आस पास में औद्योगिक इकाइयों द्वारा जो पीने के पानी का दोहन किया जा रहा है, जिस पर जनता बोल नही पा रही और नेता कोई विरोध नही कर रहे, जो आने वाले समय मे पीने के पानी की किल्लत होने वाली है ओर गहरा जल संकट छाने वाला है इस बात से कताई इंकार नही किया जा सकता।
जहा भेरडा माइंस के पानी को पिने के लिये आरक्षित कर रखा है उसके बावजुद जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि मोन है।
चित्तौड़गढ़ शहर के आसपास पुठोली, नरपत की खेडी, चन्देरिया, मुंगा का खेडा ,आजोलिया का खेडा, नगरी, बिलिया सहित गंगरार व चित्तौड़गढ़ पचायत समिति क्षेत्रो से लगातार सरपंच वार्डपंच व छोटे बड़े राज नेता बिना अनुमति के अवैध तरीके से बडे बडे बोर कराकर जल दोहन कर रहे है, जिससे जल स्तर डाऊन हो रहा है। जो जिले को जल संकट की ओर ले जा रहा है।
कही स्थानों पर जलदाय विभाग भी एक महीने मे 15 दिन पानी सप्लाई कर रहा है ओर चन्देरिया क्षेत्र मे तो दस से 15 मिनिट भी पानी की सप्लाई नही की पाती है। लेकिन फिर भी जनता क्यो चुप है, ओर राजनेता कुछ बोलना नही चाहते ओर अधिकारी की चुप्पी साधे हुए जो आमजनता को बड़े संकट में धकेल रहे है लेकिन अभी तक इस ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा।
जहा एक ओर जिला कलेक्टर ने भी उपखण्ड अधिकारीयो को पत्र लिख कर अपने जिम्मेदारी कर्तव्य पूर्ण कर लिया दिन रात बिना परमिशन के ट्यूबवेले खोदी जा रही है। यूद्व स्तर पर टेकरो के माध्यम से पानी का दोहन किया जा रहा है, जिसकी जिला प्रशासन भी निरंतर अनदेखी कर रहा है।
वही दूसरी ओर इसी तरह से अवैध ट्युबवेल लगती रही तो दोनो नदीयो के आस पास का वाटर लेवल कम हो जायेगा ओर इस बात में कोई अतिश्योक्ति नही कि आने वाले समय मे चित्तौड़गढ़ जिले के लोगो को पीने के पानी के लिये परेशान होना पडेगा।