चित्तौड़गढ़ में जिंक द्वारा अवैद्य जल दोहन पर शासन प्रशासन खामोश, नही हो रही कार्यवाही, कलक्टर के आदेशों की भी उड़ रही धज्जियां।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@श्री दुर्गेश लक्षकार।
चित्तौड़गढ़ के हिंदुस्तान जिंक में पानी की कालाबाजारी थमने का नाम नही ले रही है तो वही दूसरी और ग्रामीणों का गुस्सा और विरोधी सुर भी परवान पर है।
पानी की कालाबाजारी को लेकर अधिकारी और प्रशासन खामोश दिखाई दे रहे है। पानी के काले कारनामे पर आज तक कोई भी कार्यवाही नही हुई है। जिससे कही ना कही ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी और कई सफेदपोश नेताओ की साँठगाँठ की वजह से ही अवैध पानी के दोहन का काला कारोबार फल फूल रहा है। अधिकांशतः सड़को पर आमजन व अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने का कार्य प्रतिष्ठित ऑयल कम्पनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के लोगो लगे पेट्रोल डीजल के टैंकर भी पानी से भरे होकर हिंदुस्तान जिंक में जाते देखे जा सकते है। साथ ही सिमेन्ट फेक्ट्री में कार्य आने वाले फ्लाई ऐश लाने वाले कई नामी कम्पनियों के बलकर्स भी अवैध पानी भरे हिंदुस्तान जिंक में पहुंच रहे है। यह भारी टैंकर व बलकर्स चौबीसों घण्टे कुओ, ट्यूबवेलों, खदानों, नदी नालो से पानी का अवैध दोहन कर चित्तौड़गढ़ शहर व आस पास के सैंकड़ो गाँवो को जल संकट की गहरी खाई में धकेल रहे है। इसी से त्रस्त आमजन ने हिंदुस्तान जिंक गेट के सामने टैंकर्स लगाकर पानी से भरे टैंकर्स व बलकर्स को जिंक में प्रवेश करने से रोक दिया व प्रदर्शन करने लगे। अवैध मात्रा में भारी जल दोहन से रुष्ट ग्रामीणों ने टैंकर्स के वाल्व खोलकर अवैद्य जल को सड़को पर खुले बहने के लिए छोड़ दिया गया। प्रदर्शन व पानी से भरे टैंकर्स का जमावड़ा लगातार बढ़ने से सड़क मार्ग पर यातायात व्यवस्था परेशानी पूर्ण रही। सूचना पर गंगरार थाना पुलिस व तहसीलदार पहुंचे मौके पर पहुंचे जिसने प्रदर्शनकारियो व ठेकेदारों के साथ समझाइश की गई। बहरहाल चोंकाने वाली बात यह है कि शहर व आस पास के इलाकों गाँवो में अवैद्य जल दोहन कर हिंदुस्तान जिंक पुठोली इकाई में लगातार पानी भरे भारी बलकर्स व टैंकर्स पहुंच रहे है जिससे यह स स्पष्ट हो रहा है कि आमजन को पानी की परेशानी में झोंकने की पूर्ण तैयारी कर ली गई है। बीते दिनों राष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा जिंक भगाओ चित्तौड़ बचाओ अभियान छेड़ने के बाद जिला कलेक्टर ने उपखण्ड स्तर पर अवैध जल दोहन व परिवहन प्रेसनोट के जरिये कार्यवाही करने के आदेश जारी किए परन्तु अवैध जल दोहन पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई है। जिसके चलते चित्तौड़गढ़ शहर व आस पास के गाँवो पर लगातार जल संकट का खतरा मंडरा रहा है। जिससे सरासर यह प्रतीत हो रहा है कि जिला कलेक्टर के आदेशो की सरेआम धज्जियां उड़ती देखी जा सकती है। अब सवाल यह उठता है कि इस प्रकार के अवैध जल दोहन व परिवहन पर सभी शासन प्रसाशन मूकदर्शक बन कर क्यो बैठे है, आखिर इन पर कब कार्यवाही होकर आमजन को निजाज मिलेगी।