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कृषि विज्ञान केन्द्र का जिले के पेस्ट कंट्रोल ऑपरेटर्स के साथ प्रशिक्षण।

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ श्रीमती दीपिका जैन।

चित्तौडग़ढ़।कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तौड़गढ की ओर से जिले के पेस्ट कंट्रोल ऑपरेटर्स के साथ ग्लाइफोसेट हर्बिसाइड का सुरक्षित उपयोग विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने बताया कि ग्लाइफोसेट का कृषि मे उपयोग करने से मानव व पशु स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर अत्यधिक दुष्प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते भारत सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर 21 अक्टूम्बर, 2022 से खेती में इसे पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होने सभी पेस्टीसाइड डीलर्स एवं लैप्स मैनेजर्स से आव्हान किया कि इसके बारे में किसानो को जागरूक करें। ग्लाइफोसेट के स्वास्थ्य प्रभाव कैंसर, प्रजनन और विकासात्मक विषाक्तता से लेकर न्यूरोटॉक्सिसिटी एवं इम्यूनोटॉक्सिसिटी से संबंधित होते हैं। इसके लक्षणों में सूजन, त्वचा में जलन, मुँह और नाक में परेशानी, स्वाद में कमी होना और धुँधली दृष्टि होना शामिल हैं। कार्यक्रम सहायक दीपा इन्दौरिया ने ग्लाइफोसेट हर्बिसाइड के बारे में तकनीकी जानकारी देते हुए दुष्प्रभावो के बारे में विस्तृत चर्चा की। इस प्रशिक्षण में जिले के कुल 40 पेस्टीसाइड डीलर्स, ग्राम सेवा सहकारी समिति प्रबंन्धक एवं कृषक व कृषक महिलाओ ने भाग लिया। प्रशिक्षण के अन्त में केन्द्र के संजय कुमार धाकड़ तकनीकी सहायक ने सभी प्रशिक्षणार्थियो को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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