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उदयपुर-राजस्थान दिवस की पूर्व संध्या पर राजस्थान और मध्यप्रदेश के कवियों का संगम।

 

वीरधरा न्यूज़। उदयपुर@ डेस्क।

उदयपुर।जब आप कहीं यात्रा / प्रवास पर किसी अन्य प्रयोजन से जाते है और वहाँ पर बौध्दिक लोगों के साथ अनौपचारिक मिलन/गोष्ठी का सुअवसर प्राप्त हो जाए तो ऐसी यात्रा अविस्मरणीय बन जाती है। बौध्दिक ऊर्जा का यह आदान-प्रदान स्वयं को तो मानसिक शक्ति प्रदान करता ही है साथ ही समाज को सही नेतृत्व कैसे प्रदान किया जाए, उसकी दिशा भी सुनिश्चित करता है, ऐसा ही अनुभव हमें अपने उदयपुर प्रवास के दौरान मिला जब अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई जगदीप हर्षदर्शी एवं राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सागरमल सराफ के साथ करीब डेढ़ घंटे कविताओं, गजलों तथा जीवन के अनुभव साझा करने का सुअवसर जैन साहित्य संगम के केन्द्रीय कार्यालय पर हुआ।
राजस्थान के गौरव महाराणा प्रताप के शौर्य गाथा व संस्था के विकास और विस्तार पर विस्तृत चर्चा हुई।
जिस प्रकार मोबाइल की बेटरी को उपयोग करने के बाद बार-बार चार्ज करने की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमारे मन मस्तिष्क की बेटरी को भी चार्ज करने के लिए उपयुक्त चार्जिंग स्टेशन जैसे गोष्ठी, साहित्यत्यिक समागम, स्वाध्याय इत्यादि की आवश्यकता होती है। हमारी अंतर्मन की भावना है कि हम सब जब कभी किसी भी नगर में प्रवास के लिए जाए तो ऐसे ही अनौपचारिक लघु मिलन / गोष्ठी के लिए समय अवश्य निकाले । यह हमारी मानसिक ताजगी के लिए यह उपयोगी सिद्ध होगा।

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