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कोटा-गुटखा खा कर बच्चों को नसीहत ना दें शिक्षक वरना आपको पागल की श्रेणी में रख देंगे कोडवर्ड से बुलाएंगे विद्यार्थी: शिक्षा मंत्री।

 

वीरधरा न्यूज़। कोटा@डेस्क।

कोटा।शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षकों से कहा- स्कूल में गुटखा खा कर बच्चों को इसके बताएंगे तो बच्चे आपको पागल घोषित कर देंगे आपका नाम का कोडवर्ड रख देंगे फिर उसी नाम से बुलाएंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा- उन्हें पढ़ा कर अच्छा नागरिक बनाएं उनके परिवार की बद्दुआ ना लेवे।
शिक्षा मंत्री शनिवार को कोटा के राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय, विनोबा भावे नगर में 15 लाख की लागत से 2 कमरे के निर्माण कार्य का शिलान्यास करने पहुंचे थे।

टीचर्स से बोले- ये गुरूजी तो पागल है

मंच से संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा स्कूल शिक्षा के मंदिर हैं और यहां सिर्फ किताबी ज्ञान दिया जाता है मैं ऐसा नहीं मानता हूं शिक्षकों को सम्मानित आचरण करना चाहिए अगर हम (टीचर) यहां गुटखा खा कर आएंगे और बच्चों से कहेंगे कि ये स्वास्थ्य के हानिकारक है तो बच्चे आपको तो कुछ नहीं कहेंगे कान में पडोसी को कहेंगे ये गुरूजी पागल हो गया है।
वो आपको पागल की श्रेणी में डाल देंगे और जैसे हम भी अपने टीचर्स के नाम कोडवर्ड से रखते थे वैसे आपके भी नाम रख देंगे और आप फिर उसी नाम से जाने जाएंगे हम जो शिक्षा ग्रहण करते है गुरू के आचरण, उनके पहनावे उनकी दृष्टि से भी संस्कार गृहण करते है बच्चों के सामने हम सबको खुद को आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना पडे़गा.

ईमानदारी का सर्टिफिकेट लेते हैं ACB में रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं

शिक्षा मंत्री दिलावर ने शिक्षकों से कहा आप सबसे निवेदन रहेगा कि अभिभावकों की कल्पना को अपने मन से देखें और उसकी तरह से आचरण करें कई बार शिक्षक हमें प्रमाण पत्र बताते हैं कि उन्हें पुरस्कार मिला है एक ऐसे ही टीचर को जानता हूं जिन्हें ईमानदारी से काम करने का प्रमाण पत्र मिला और उन्हें बाद में एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया ऐसे पुरस्कारों का कोई महत्व नही होता पुरस्कार लेना चाहिए, देना चाहिए लेकिन उसकी गरिमा रहे पात्र को मिले और जो पात्र है वह ध्यान रखें कि पुरस्कार मिला है तो मेरा जीवन आदर्श होना चाहिए कोई न्यूनता नही होनी चाहिए
इन बच्चों को क्या बनाना है यह आपको तय करना है। कारीगर खिलौना बनाता है तो वह राक्षस भी बनाता है और भगवान की मूर्ति भी, मिट्टी वही है लेकिन बनाने वाले की मानसिकता कैसी है सोच क्या है यह उस पर निर्भर करता है।

बच्चों के मां-बाप की बद्दुआ नुकसान करती है

शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा स्कूलों में ऐसी बाते भी सामने आती है कि टीचर आपस में झगड जाते है ऐसे टीचर्स को मैं शिक्षक नही मानता वह शिक्षक नही है क्योंकि बच्चों के सामने झगड़ना ठीक नही है कोई विशेष बात है तो आप शिकायत करें लेकिन स्कूल परिसर में झगड़ा करना, मनमुटाव रखना, अनुशासनहीनता करना बच्चों पर गलत प्रभाव डालता है।
शिक्षक है और बच्चों को कुछ सिखाना चाहते है तो खुद को अनुशासन में रखते हुए कर्तव्य का पालन करें बच्चे बहुत भोले होते है, उनके मां-बाप भी भोले होते हैं वह अपने बच्चों को हमारे हवाले कर देते है स्कूल के हवाले कर देते हैं उनकी क्या अपेक्षा होती है कि जो भी कमाएं बच्चों की पढ़ाई पर लगा दें बच्चों के भविष्य के लिए कल्पना करते है जी तोड़ मेहनत करते हैं लेकिन अगर स्कूलों की तरफ से उन्हें निराशा हाथ लगती है तो वह बददुआ देते है वह नुकसान करती है।

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