वीरधरा न्यूज़।जाशमा@ श्री अशोक शर्मा।
जाशमा।स्वामी विवेकानन्द एक हिंदू भिक्षु थे और भारत के सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे। वह सिर्फ एक आध्यात्मिक दिमाग से कहीं अधिक थे, वह एक प्रखर विचारक, महान वक्ता और भावुक देशभक्त थे। उन्होंने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के स्वतंत्र चिंतन दर्शन को एक नये प्रतिमान में आगे बढ़ाया। उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करते हुए, अपने देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करते हुए, समाज की बेहतरी के लिए अथक प्रयास किया। वह हिंदू अध्यात्मवाद के पुनरुद्धार के लिए जिम्मेदार थे और उन्होंने हिंदू धर्म को विश्व मंच पर एक प्रतिष्ठित धर्म के रूप में स्थापित किया। सार्वभौमिक भाईचारे और आत्म-जागृति का उनका संदेश विशेष रूप से दुनिया भर में व्यापक राजनीतिक उथल-पुथल की वर्तमान पृष्ठभूमि में प्रासंगिक बना हुआ है।
युवा भिक्षु और उनकी शिक्षाएँ कई लोगों के लिए प्रेरणा रही हैं, और उनके शब्द विशेष रूप से देश के युवाओं के लिए आत्म-सुधार का लक्ष्य बन गए हैं। इसी कारण से, उनके जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर संस्था प्रधान दली चंद बेरवा व्याख्याता संजय सुखवाल मुरली मनोहर वैष्णव उदय राम जाट बद्रीलाल जाट प्रवीण कोदली किशन लाल कुमावत अमित कुमार अजीत चुन्नीलाल अशोक कुमार लोकेश कुमार दिनेश चंद्र प्रकाश चंद्र सहित कर्मचारी एवं विद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित थे इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किया इसी प्रकार पीईईओ क्षेत्र के विद्यालयों में स्वामी विवेकानंद जयंती मनाई गई।