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भादसोड़ा में विकसित भारत संकल्प यात्रा का शिविर बना खाना पूर्ति, अधिकारी भी नही पहुचे समय पर, आमजन बेरंग लौटे।

वीरधरा न्यूज़।भादसोड़ा@ श्री नरेन्द्र सेठिया।


भादसोड़ा। कस्बें में राजकिय उच्च प्राथमिक विद्यालय में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत शिविर के माध्यम से एक और जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए केंद्र सरकार अपनी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। वहीं इस शिविर को लेकर अधिकारी और विधायक गंभीर नहीं दिख रहे। लोगों को 10 बजे का समय देने के बावजूद लगभग 12 बजे तक भी ना कोई अधिकारी पहुंचा और ना खुद विधायक अर्जुन जीनगर पहुंचे। सुबह से ही क्षेत्र के लोगों ने कैंप में पहुंचना शुरू कर दिया और सभी को इंतजार में बैठे रहना पड़ा। ऐसे में आम जन में खासा आक्रोश भी देखने को मिला।
जहा एक ओर विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यात्रा का उद्देश्य केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जनजन तक पहुंचाना और लाभ देना है। साथ ही जन समस्याओं का निवारण भी करना है, लेकिन कुछ अधिकारियों की लापरवाही देखी जा रही है। वे लोग यात्रा में शामिल भी नहीं हो रहे हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय विधायक अर्जुनलाल जीनगर भी खुद गायब रहे।

नहीं पहुंचे अधिकारी और विधायक

सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश की यात्रा के दौरान शिविर स्थल पर सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी का रहना अनिवार्य है। केंद्र सरकार की जितनी भी जनकल्याणकारी योजनाएं हैं, उनका प्रचार-प्रसार और लाभ संबंधित क्षेत्र वासियों को उपलब्ध करने में सहयोग करना है। लेकिन भादसोड़ा में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा में एसडीएम मोनिका सामोर और विकास अधिकारी सुनील जोशी दोनों लगभग दोपहर 12 बजे के करीब पहुंचे। जबकि तहसीलदार गुणवंत लाल माली, नायब तहसीलदार घनश्याम जवार दोनों 12 बजे बाद भी गायब दिखे। इसके अलावा विधायक की भी उदासीनता देखने को मिली। यहां सिर्फ भादसोड़ा मंडल अध्यक्ष विजय सिंह चौहान, सरपंच शंभूलाल सुथार और पंचायत समिति सदस्य गोविंद सोनी ही मौजूद रहे।

सुबह पहुंचे लोग, नहीं मिले अधिकारी

कैंप में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया। यहां आने के बाद सभी को अधिकारियों का इंतजार करने के लिए कहा गया। लगभग 2 घंटे से लोग वहां बैठे रहे, लेकिन अधिकारी नहीं पहुंच रहे। कई लोग तो समय से पहले पहुंच गए, जिसके कारण 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। ऐसे में आमजन में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है। कई लोग तो इंतजार करने के बाद वापस निराश लौट गए। महिलाओं ने बताया कि सुबह कई काम छोड़कर यहां योजनाओं का लाभ लेने के लिए आए, लेकिन यहां पर अधिकारी मौजूद नहीं मिले।

कैंप की सूचना तक नहीं दी गई

भादसोड़ा निवासी मंजू ने बताया कि उन्हें इस कैंप की जानकारी भी नहीं थी। राजीविका के चलते उनकी बेटी का डांस परफॉर्मेंस होना था, इसीलिए वह यहां आई थी। यहां आकर कैंप की सूचना मिली तो वह भी रजिस्ट्रेशन के लिए इंतजार करने लगी। लेकिन कोई अधिकारी और जन प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। उनके मकान का काम भी अधूरा पड़ा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें अपना काम करवाना है, उन्हें अभी तक ना मकान का पैसा मिला और ना शौचालय।
वहीं उगम कुंवर चौहान ने बताया कि उनके पास ना तो अभी तक मकान बनाने का पैसा आया और ना ही शौचालय बनाने का पैसा आया। दो-तीन महीनों से पेंशन का काम भी अटका हुआ है। सुबह 10 बजे का समय था तो नियत समय पर भी पहुंच गए, लेकिन कोई नहीं आया, तो कई घण्टो तक इंतजार करना पड़ा। घर पर सब काम भी छोड़ कर आई हूं।
ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जहा सरकार इतना पैसा खर्च कर इन शिविरों का आयोजन करवा रही वही ये अधिकारी और साथ मे सरकार के ही नुमाइंदे विधायक भी उदासीन दिख रहे तो इन शिविरों से आमजन को लाभ मिलेगा यह बात भी कोरी लग रही है।
मामला जिला कलेक्टर तक भी पहुचा है और शीर्ष अधिकारियों और नेताओं तक भी अब देखना यह है कि क्या इस गंभीर मामले में कोई संज्ञान लिया जाएगा या ऐसे ही चलता रहेगा यह तो समय के गर्त में है।

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