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साहित्यकार राजकुमार जैन राजन ने पुस्तकालयों में 77 हजार मूल्य की बालसाहित्य की 612 पुस्तकें भेंट की।

 

 

वीरधरा न्यूज़।आकोला @ डेस्क।

 

आकोला। ‘पुस्तकों की हमारे  जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है। पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी व सच्ची मित्र होती है जो हमेशा हमें सही राह दिखाती हैं। पुस्तकों के द्वारा ही हम नित नए ज्ञान प्राप्त करते हैं। बच्चों को छोटी उम्र से ही पठन-पाठन से जोड़ना चाहिए।’ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के  पुस्तकालय हेतु आकोला, चित्तौड़गढ़ के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संपादक, समाजसेवी राजकुमार जैन राजन द्वारा उपहार स्वरूप लगभग 77 हजार रुपये मूल्य की बाल साहित्य की 352 पुस्तकें निःशुल्क भेजने के साथ भेजे अपने सन्देश में कही। विद्यालय अध्यापिका मेनका सामर के माध्यम से ये पुस्तकें भेंट की गई।उन्होंने बताया कि, ‘बच्चों के मानसिक विकास के लिए अच्छी पुस्तकों की भूमिका स्वयं सिद्ध है, व्यक्ति का जीवन क्षणिक या कुछ वर्षों का हो सकता है, लेकिन साहित्य का, पुस्तकों का जीवन छोटा या बड़ा नहीं होता। वह हमेशा जीवित रहता है। हमें स्वयं किताबों की ओर लौटना चाहिए तथा बच्चों को अधिकाधिक किताबें देकर उनमें पुस्तकों के प्रति रुचि जागृत करना चाहिए। हमें बालकों को आशा और विश्वास देना है, अंधेरे में भटकने के लिए नहीं छोड़ देना है। हम इस दिशा में महत्तम कार्य कर रहे हैं। इसी प्रकार निकटवर्ती राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चाकूड़ा के पुस्कालय हेतु लगभग सात हजार रुपये मूल्य की 55 पुस्तकें अध्यापक  गोवर्धन सुखवाल के माध्यम से एवं लक्ष्य बाल पुनर्वास केंद्र, ओसियां जोधपुर के पुस्तकालय हेतु 21 हजार रुपये मूल्य की 205 बालसाहित्य की पुस्तकें निःशुल्क भेजी गई। ज्ञातव्य है कि राजकुमार जैन वर्षों से विद्यार्थियों विद्यालयों, स्वयंसेवी संस्थाओं, बाल साहित्य केंद्रों, शोधार्थियों आदि को निःशुल्क बाल साहित्य भेंट कर रहे हैं और अब तक ग्यारह लाख रुपये मूल्य से भी अधिक का बाल साहित्य भेंट कर चुके हैं। निशुल्क साहित्य उपलब्ध करवाए जाने पर संस्था प्रधानों ने आभार व्यक्त किया।

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