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भूपालसागर- ग्राम वासियों द्वारा इन्द्र देव कि मेहर नहीं बरसने को लेकर शनिदेव मन्दिर तक कि पदयात्रा।

 

वीरजरा न्यूज़। जाशमा @ श्री अशोक शर्मा।

भूपालसागर। भूपालसागर के ग्राम वासियों द्वारा शनिवार के दिन भगवान ईन्द्र देव की मेहर नहीं बरसने से खेतों में लहलहाती फसलें पानी को तसर रही है। पुर्व में अच्छी बारीश होने के साथ साथ फसलें भी अच्छी है। लेकिन कई दिनों से बारीश नहीं होने से फसले पानी के बिना तरस रही है। इसी बात को लेकर हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी सेंकड़ों लोगों ने जाशमा मंगरा स्थित ओगड़ संत प्रताप महाराज कि तपोस्थली पर विराजित भगवान शनिदेव मन्दिर तक पदयात्रा करते हुए अच्छी बारीश एवं क्षेत्र कि खुशहाली के लिए भगवान का विशेष श्रंगार कर पुजा अर्चना कि। इस दौरान भूपालसागर के शंकर लाल बैरवा, वासुदेव तिवाड़ी, पुरूषौत्तम टांक, लादु लाल प्रजापत, विनोद अग्रवाल, अरविन्द गर्ग, रतनदास वैष्णव, सत्यनारायण गर्ग, भगवतिदास वैष्णव, सुरेश मेघवाल, कालुराम प्रजापति, भेरू दास वैष्णव, सुरेशचन्द्र गाडरी, सुरेशदास वैष्णव, मुकेश सालवी सहित सेंकड़ों पुरूष महिलाओं एवं बालक बालिकाओं ने भी बढ चढकर भाग लिया।
सवेरे करीबन आठ बजे से आजाद चौक स्थित चारभुजानाथ मन्दिर के सामने ग्रामीण एकत्रित हुए तथा रथ में भगवान शनिदेव कि तस्वीर लगाकर झांकि सजाई गई। तत्पश्चात डीजे कि मधुर स्वलहरीयों के साथ पदयात्रा का शुभारम्भ किया गया इस दौरान ड्रोन से पुष्प वर्षा कि गई। यहा से पदयात्रा प्रारम्भ होकर गोशाला पहुंची जहां पर अल्पाहार किया गया। वहां से पदयात्रा उसरोल पहुंची जहां पर पुर्व सरपंच औंकार सिंह द्वारा सभी धर्मावलजम्बियों को नास्ता करवाया गया। वहां से कानाखेड़ा, देवड़ों का खेड़ा होती हुई पदयात्रा गाडरीयावास से शनिदेव मन्दिर पहुंची। पदयात्रा में पुरूष महिलाएं एवं बानक बालिकाओं द्वारा शनिदेव के जयकारें लगाते हुए थिरकने का बखुब लुप्त उठाया। पदयात्रा का शनिमहाराज मन्दिर विकास ट्स्ट के अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया। शनिदेव मन्दिर पर पुजारी भेरू लाल भारती द्वारा भगवान कि विशेष पुजा अर्चना के साथ महाआरती कि गई तत्पश्चात महाप्रसादी का आयोजन किया गया जो कि सांय तक चलता रहा।

एतिहासीक रही पदयात्रा।

गौरतलब है कि भूपालसागर से कई वर्षो से यह परम्परा चली आ रही थी कि हर वर्ष सामुहिक पदयात्रा के साथ प्रसादी का आयोजन किया जा रहा था। मगर इस बार कि पदयात्रा एतिहासीक रही। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भूपालसागर से लेकर शनिदेव मन्दिर तक पुष्पवर्षा का नजारा एसा था कि हर कोई देख आश्चर्य चकित हो रहा था।

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