वीरधरा न्यूज़। पहुना@ श्री मनोहर शर्मा।
पहुँना।गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर माना गया है। इनकी पूजा का दिन होता है गुरु पूर्णिमा, जो हर साल आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
बनास नदी तट पंचतीर्थ दादू दयाल आश्रम पहुँना में रविवार चतुर्दशी को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कैलाश जी महाराज की चरण पूजा करने श्रद्धालुओं सहित शिक्षकों का सैलाब उमड़ा। पंच तीर्थ दादू दयाल आश्रम में गुरु पूर्णिमा का आयोजन एक दिन पहले चतुर्दशी को किया जाता है। सुबह से ही गुरु चरण पूजा के लिए लंबी कतारें लगी रही साथ ही शाम को भजन संध्या और प्रसादी का दौर जारी रहा। आश्रम में विशेष स्थान पर गादी लगा कैलाश महाराज विराजित हुए। संत के विराजित होते ही उनकी चरण पूजा के लिए शिष्य, श्रद्धालु उमड़ पड़े जो कई देर तक लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। शिष्यों सहित श्रद्धालुओं ने उनकी चरण पूजा कर बैठ चढ़ा कर आशीर्वाद लिया। भजन संध्या में भजन गायकों ने गुरु देव कहे सुन चेला, गुरु बिन घोर अंधेरा, सतगुरु आया पावणा सहित भजनों की प्रस्तुतियां दी।