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साध्वी डॉ चिंतनश्री महाराज साहब ने वर्धमान स्थानक भवन में धर्मसभा को किया संबोधित।

 

वीरधरा न्यूज़। गंगरार@ कमलेश सालवी।

गंगरार। “नमो को स्वीकार करने पर अहंकार स्वयमेव दूर हो जाएगा”उक्त विचार साध्वी डॉ चिंतनश्री महाराज साहब ने बुधवार को वर्धमान स्थानक भवन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने नवकार मंत्र की साधना का महत्व बताते हुए कहा कि नवकार मंत्र को जीवन में आत्मसात करने पर जीवन की समस्त समस्याओं का अंत होकर जीवन सार्थक हो सकेगा। साध्वी डॉक्टर चिंतन श्री ने अंहकार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे दैनिक जीवन में छोटी-छोटी बातों पर अहंकार के कारण ही संघर्ष का जन्म होना स्वाभाविक है जिससे परिवारों में अशांति बनी रहती है ऐसी स्थिति में दोनों पक्ष अंहकार के कारण झुकना नहीं चाहते। साध्वी डाक्टर चिंतन श्री ने कहा कि झुकते वही है जिसमें जान है, अकड़ना तो मुर्दे की पहचान है। उन्होंने नमो का अर्थ नम्रता व झुकना बताते हुए कहा कि झुकने से कोई छोटा नहीं होता।
साध्वी डाक्टर चिंतन श्री ने इस अवसर पर जिव्हा एवं दांत की अंतर कथा के साथ-साथ रावण के अहंकार को व्याख्यायित करते हुए” क्यों करता है अभिमान, क्यों भूल गया है मान। छूटी उसकी लंका, छूट गया परिवार । हो चेत चतुर नर नार।” स्वरचित कवित के माध्यम से अहंकार को त्याग लघु बन कर झुकने का आह्वान किया। डॉक्टर चिंतन श्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज अधिकांश झगड़े व विवाद क्रोध में बोलने से परिवारों में अशांति रह टकराव बढ़ रहे है। उन्होंने क्रोध में मौन रहकर प्रेम से बोलने पर बल देते हुए कहा कि प्रेम ही स्वर्ग है। साध्वी डॉक्टर चिंतन श्री ने कहा कि क्रोध व अंहकार का जीवन में यदि समावेश नहीं है, तो जीवन तीर्थ धाम हो सकेगा। डाक्टर चिंतन श्री ने इस अवसर पर संतों की दौलत को जीवन में ग्रहण कर अपने आप को जीवन में परिवर्तन करने के संकल्प लेने की आवश्यकता भी जताई। धर्म सभा में साध्वी मधु कंवर ने अपने प्रवचन में कहा किअज्ञान का मूल कारण अहंकार है। उन्होंने परस्पर सहयोग एवं सेवा भाव को महत्व देते हुए कहा कि सहयोग के भावो में अभिवृद्धि होने से घर परिवार का वातावरण प्रेम मय हो स्वर्ग की अनुभूति कराता है। साध्वी मधुकंवर ने बाहुबली एवं महाभारत के दृष्टांत मे अंहकार व क्रोध को व्याख्यायित कर नम्रता व आशीर्वाद का महत्व बताते हुए कहा कि अहंकार के चले जाने पर नम्रता के गुण स्वयमेव प्रकट हो जाते हैं। धर्म सभा में श्री संघ मंत्री सागरमल सुराणा, जैन समाज के मीडिया प्रवक्ता मधुसूदन शर्मा व पहुंना श्रीसंघ के मंत्री हेमंत नाहर ने 25 मई को यश कंवर जी महाराज साहब की 87वी दीक्षा जयंती के अवसर पर पहुंना में आयोजित होने वाले आयोजन की जानकारी देते हुए विचार व्यक्त किए।
जैन समाज अध्यक्ष एवं समाजसेवी कोमल सिंह मोदी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अखिल भारतवर्षीय श्री गुर्जर गौड़ ब्राह्मण महासभा के प्रांतीय मुख्य संरक्षक ओम प्रकाश उपाध्याय, पहुंना के माहेश्वरी समाज के मंत्री पुरुषोत्तम अजमेरा, श्री संघ पहुंना के संरक्षक चांदमल सांखला, उपाध्यक्ष कमलेश संचेती, तेरापंथ पहुंना जैन समाज अध्यक्ष भेरूलाल लोढा एवम पारस मल सेठिया, मिश्रीलाल कोठारी, फतह लाल आंचलिया, रतन लाल लोढ़ा, रेल्वे स्टेशन उपनगर जैन समाज के मंत्री अशोक कुमार कोचिटा, रोशन लाल कोठारी, शंभूलाल सुराणा, हस्तीमल सुराणा, सुनिल कुमार लोढा, कपिल मोदी, पारस मल बाफना, रोशन लाल पगारिया, ज्ञान मल डांगी, ज्ञान मल सुराणा सहित कई श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे।

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