वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन के प्रदेशाध्यक्ष विजय सोनी चित्तौड़गढ़ प्रवास पर पधारे एवं चित्तौड़गढ़ जिला शाखा के पदाधिकारियों के साथ कुंभानगर में बैठक आयोजित कर कहा कि आगामी आने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान सरकार सेवारत कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान करें। नहीं तो राधाकृष्णन शिक्षक संघ सेवानिवृत्त कर्मचारी को प्रत्येक विधानसभा में खड़े करेगी।
बैठक में राधाकृष्णन शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद गौड़, जिलाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद गौड़, प्रदेश प्रतिनिधि अनिल शर्मा, प्रदेश सह संगठन मंत्री लाल सिंह अमराणा, जिला महामंत्री कान सिंह सुवावा, सतीश दशोरा, सुनील पलोड़ ने प्रदेशाध्यक्ष विजय सोनी एवं महेंद्र सहवाग , हरिओम शर्मा का माल्यार्पण , ऊपरणा ओढ़ाकर स्वागत किया। प्रदेशाध्यक्ष सोनी चित्तौड़गढ़ में विगत दिनों दिवंगत हुए अध्यापक हरीश दशोरा के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने पधारे। बैठक में कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
जिला महामंत्री कान सिंह सुवावा ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष विजय सोनी ने संबोधन देते हुए कहा कि संविधान में प्रदत्त अधिकार के लिए राजस्थान के 14लाख कर्मचारियों की ओर से निवेदन कि सेवारत रहते राज्य कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की अनुमति मिले।
इससे राजनीति में सुचिता आएगी और सिर्फ व्यापारी वर्ग को ही राजनीति में आने से रोका जा सकेगा।
पढ़े-लिखे जनता की समस्या को समझने वाले राजकीय कार्यों को करने में सिद्धहस्त लोग राजनीति में आएंगे।
14लाख राज्य कर्मचारियों को सिर्फ एक नियम संशोधन करके यह अधिकार दिया जा सकता है।
पूर्व में राजस्थान में यह अधिकार था परंतु स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के सरकार ने इस नियम को समाप्त कर दिया और यह नियम कर दिया कि सेवानिवृत्ति लेकर ही चुनाव लड़ सकते हैं
इससे राज्य कर्मचारी जो कि सिर्फ अपनी तनख्वाह/वेतन पर ही निर्भर होता है वह राजनीति से दूर हो गया, क्योंकि अगर वह वीआरएस ले लेता है और चुनाव के हार जाता है तो उसके पास उसके परिवार का पालन पोषण करने के लिए कोई माध्यम नहीं बचता।
इसलिए आग्रह है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व्याख्याताओं को जिस प्रकार से सेवारत रहते चुनाव में भाग लेने की अनुमति है वैसे ही अन्य राज्य कर्मचारियों को भी अनुमति दी जाए।
राजस्थान में NPS की जगह OPS लागू करके कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित किया है।
जिस प्रकार स्वर्गीय राजीव गांधी ने 18 वर्ष के युवा को मतदान का अधिकार दिया ओर देश मे क्रांतिकारी परिवर्तन किया।
हम मांग कर रहे कि संविधान में प्रदत अधिकार को हमें दिलवाते हुए, राजकीय कर्मचारियों को सेवारत रहते चुनाव लड़ने की अनुमति दिलवाए।