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सूर्य व चंद्रमा आदि किसी भी वस्तु को धर्म के नाम पर बांटना साक्षात परमात्मा का अपमान करने के समान है: कमलमुनि।

वीरधरा न्यूज़।गंगरार@ श्री कमलेश सालवी।

गंगरार। ” प्रकृति के रंग, सूर्य व चंद्रमा आदि किसी भी वस्तु को धर्म के नाम पर बांटना साक्षात परमात्मा का अपमान करने के समान है”। उक्त विचार राष्ट्र संत “कमलमुनि कमलेश” ने गुरुवार को सिंघवी मार्बल औद्योगिक क्षेत्र आजोलिया खेडा से भीलवाड़ा विहार के दौरान स्थानीय जैन समाज अध्यक्ष कोमल सिंह मोदी एवं समाज जनों द्वारा की गई विनती को मुनिश्री द्वारा स्वीकार करते हुए सारणेश्वर महादेव मे पदार्पण पर श्री संघ द्वारा मुनि श्री का स्वागत कर नगर में मंगल प्रवेश कराया जहां वर्धमान स्थानक भवन में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि, गोवंश आदि प्राणी समान भाव से प्रदान करते हैं तो उनको सांप्रदायिक नजरिए से क्यों देखा जाता है। राष्ट्रसंत कमल मुनि ने कहा कि, आपस में बांटने और बंटाने की प्रक्रिया मानवता के टुकड़े टुकड़े करने का षड्यंत्र है, जो हिंसा की जननी है।

मुनि ने धर्म सभा में कहा कि प्रकृति के प्रत्येक प्राणी का अनंत उपकार हमारे ऊपर है, उनकी रक्षा की बात करके हम उन पर एहसान नहीं कर रहे हैं। बल्कि उनकी रक्षाकरना हमारा धर्म है एवं उनकी रक्षा में ही हमारी रक्षा है। राष्ट्रसंत कमल मुनि ने प्रकृति की रक्षा करने का आह्वान करते हुए कहा कि, प्रकृति की रक्षा ही परमात्मा की रक्षा करने के समान है। धर्म सभा के मिडिया प्रवक्ता मधुसूदन शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर जैन तपस्वी घनश्याम मुनि, जैन समाज अध्यक्ष कोमल सिंह मोदी, रेलवे स्टेशन जैन समाज के मंत्री अशोक कुमार कोचिटा, जैन समाज युवा अध्यक्ष सुनील लोढ़ा, कोषाध्यक्ष चांदमल कोठारी, शांतिलाल कोठारी, भोपाल सिंह आंचलिया, शंभू सिंह सुराना, हस्तीमल सुराना, कपिल मोदी, हरीश सुराना एवं मिश्रीलाल कोठारी साथही जैन समाज की महिला अध्यक्षा अनुजा देवी लोढा, पूर्व सरपंच उषा देवी मोदी, ललिता सुराणा, रेखा कोठारी, अनीता छीपा , लीला बाफना एवम कमला पगारिया सहित कई श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे।

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