वीरधरा न्यूज़।गंगरार@ श्री कमलेश सालवी।
गंगरार।उपखण्ड क्षेत्र मे रविवार को विधि विधान से होली रोपण का कार्य किया गया। शास्त्रों के अनुसार होली महापर्व पर एक माह पहले होली का रोपण किए जाने का विधान है। राक्षस राज हिरण्यकश्यप द्वारा अपने पुत्र प्रहलाद जोकि भगवान नारायण मे गहरी आस्था रखता था। लेकिन हिरण्यकश्यप को यह ना गवारा था।जिसको लेकर भक्त प्रहलाद को कई यातनाएं दी गई लेकिन प्रहलाद का बाल बाका नही हुआ।आखिरकार हिरण्यकश्यप ने अपनी बहिन होलिका को आदेश दिया की वह प्रहलाद को गोद में बैठाकर आग मे जलाकर भस्म करदे । होलिका ने अपने भाई की बात को मान कर भक्त प्रहलाद को लेकर आग मे प्रवेश कर लिया।होलिका को वरदान था की वह आग से स्नान कर सकती थी। लेकिन भगवान नारायण की कृपा से प्रहलाद का बाल बाका नही हुआ और होलिका आग मे जलकर भस्म हो गई।इसी के उपलक्ष में फाल्गुन माह के अंतिम दिन होली का दहन किया जाता है।