वीरधरा न्यूज़।डुंगला@ श्री अमन अग्रवाल।
डुंगला।अफीम किसानों नें रविवार को दिल्ली कुछ किया। जानकारी में किसान संघ के संरक्षक मांगीलाल मेघवाल बिलोट ने बताया कि अफीम नीति 2022-23 में सीपीएस पद्धति किसानों पर जबरदस्ती थोपकर औषधीय उत्पाद अफीम खेती को नारकोटिक्स विभाग द्वारा दिनदहाड़े भ्रष्टाचार करने की नियत से नशे की दिशा में मोड़ दिया गया है जो अमानवीय ही नहीं असंवैधानिक भी है। अफीम नीति 2022 -23 को संशोधित किया जाए, हमने कभी भी सीपीएस पद्धति के अफीम लाइसेंस नहीं मांगे थे, तो जानबूझकर नारकोटिक्स विभाग भ्रष्टाचार करने कि नियत से सीपीएस पद्धति थोप कर भारी भ्रष्टाचार और औषधि पौधे अफीम खेती को नशे की दिशा में नारकोटिक्स विभाग मोड रहा है। सीपीएस बंद कर सीपीएस पद्धति वाले सभी किसानों को लुवाई चिराई का आदेश दिया जाए। साथ ही 1997-98 मे अफीम खेती कर चुके जिन किसानों के अफीम लाइसेंस बहाल नहीं किए हैं, तुरंत बहाल किए जाए और साथ ही नारकोटिक्स विभाग ने बांरा जिले में नारकोटिक्स विभाग ने सैकड़ों किसानों को अफीम पट्टे जारी करने के बाद 35 से 40 दिनों की खेती में खड़ी अफीम फसल को किसानों को डरा धमका कर एफ आई आर दर्ज कर एन डी पी एस एक्ट केस लगाने की धमकी जेल में डालने की धमकी देकर जबरदस्ती नष्ट किया उन सभी किसानों को मुआवजा देकर लाइसेंस वापस दिया जाए और दोषी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
अफीम का मूल्य अंतरराष्ट्रीय मूल्य के आधार पर किसानों को अफीम का मूल्य दिया जाए।