वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़ @ डेस्क।
चित्तौडगढ़ जिला अभिभाषक संस्थान के पुर्व अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष पर संस्थान में करीब साढे 9 लाख रुपए का गबन करने के आरोप में पुलिस ने मामला टज किया।
जिला अभिभाषक संस्थान के अध्यक्ष महेंद्रसिंह मेड़तिया ने कोतवाली थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि संस्थान की साधारण सभा की बैठक में पिछले चार वर्षो के लेखा जोखा का आडिट करवाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित होने पर पिछले चार साल का सीए से आडिट करवाया। जिसमे पूर्व कोषाध्यक्ष चन्देरिया निवासी उमाशंकर पुत्र संस्थान उंकारलाल दाधीच ने पद का दुरुपयोग करते हुए वर्ष 2017, 2018, 2019 मैं विभित्र मदों में 7 लाख 85 हजार का गबन किया। दाधीच का कार्यकाल जनवरी 2017 से दिसंबर 2019 तक था।
एडवोकेट मेडतिया द्वारा दर्ज कराई एक और रिपोर्ट में बताया कि संस्थान के पुर्व अध्यक्ष जसवंतसिंह राठौड पुत्र गोवर्धनसिह वर्ष 2019 में अध्यक्ष थे। संस्थान द्वारा निंबाहेडा मार्ग स्थित नवीन न्यायालय परिसर के लोकार्पण कार्यक्रम में खुर्च डेढ़ लाख रुपए तय किया। 90 हजार की सहयोग राशि वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा राठौड़ को दी गई। आडिट में एक लाख 62 हजार 569 रुपए कम पाए गए। आरोप लगाया कि पुराने न्यायालय भवन परिसर में संस्थान द्वारा संचालित केबिन को बिना प्रस्ताव लिए जसवंतसिंह राठौड़ ने अनाधिकृत रूप से किराए दी। अपने कार्यकाल में कोषाध्यक्ष के होकर स्वयं के भाई राजेंद्रसिंह को अनाधिकृत रूप से सदस्यता शुल्क जमा करने के लिए अधिकृत कर दिया। सदस्यता शल्क के जमा रुपयों में से 19 हजार रुपए राजेंद्रसिंह ने आज भी संस्थान में जमा नहीं करवाए। एफआईआर के अनुसार पुर्व अध्यक्ष जसवंतसिंह के विरुद्ध एक लाख 62 हजार 569 व उनके भाई राजेन्द्र सिंह के विरुद्ध 19 हजार के गबन का आरोप लगाते प्रकरण दर्ज करवाया गया। कोतवाली पुलिस ने पूर्व अध्यक्ष, भाई व पूर्व कोषाध्यक्ष के विरुद्ध दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए।