वीरधरा न्यूज़।नई दिल्ली@ डेस्क।
नईदिल्ली। पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख, महबूबा मुफ्ती को आखिर गुपकार का सरकारी आवास खाली करना पड़ा। अब वे श्रीनगर के बाहरी इलाके खिंबर में एक निजी घर में रहने लगीं। महबूबा को भारत सरकार द्वारा 15 अक्टूबर से उपयोग की जा रही फेयरव्यू सरकारी आवास को खाली करने के लिए कहा गया था। सत्ता जाने के बाद भी सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए राजनेताओं पर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर में गुपकार मार्ग पर स्थित सरकारी आवास खाली करने के नोटिस के बाद अब उन्हें अनंतनाग में आबंटित सरकारी क्वार्टर भी छोड़ने का निर्देश दिया गया है। छह अन्य पूर्व विधायकों, एक म्युनिसिपल कांउसिलर को भी सरकारी क्वार्टर खाली करने का नोटिस जारी हुआ है। 24 घंटे के भीतर क्वार्टर खाली न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। नोटिस की अवधि सोमवार को खत्म होगी।
नियमों के विपरीत उठा रहे थे सरकारी सुविधाओं का लाभ
जम्मू कश्मीर में नवंबर, 2019 के बाद से विधानसभा नहीं है। सभी नियमों के विपरीत सरकारी आवासीय सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। ज्यादातर नेता आवास खाली करने में असमर्थता जता रहे हैं। कोई आतंकी खतरा बता रहा है तो किसी का कहना है कि उसके पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। संपदा विभाग ने महबूबा को अक्टूबर में श्रीनगर के गुपकार रोड पर आठ कमरों वाले बंगले फेयर व्यू गेस्ट हाउस को छोड़ने का नोटिस जारी किया हुआ। अभी तक महबूबा ने आवास खाली नहीं किया। महबूबा के पिता दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को 2005 में आवंटित किया गया था।
इन अन्य नेताओं को भी नोटिस
अनंतनाग के जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने शनिवार शाम को ही महबूबा के अलावा पूर्व विधायक मोहम्मद अल्ताफ वानी उर्फ अल्ताफ कालू, पूर्व विधायक अब्दुल रहीम राथर, पूर्व विधायक अब्दुल मजीद बट उर्फ मजीद लारमी, डा. बशीर अहमद वीरी उर्फ डा. वीरी, चौधरी निजामुदीन, अब्दुल कबीर पठान और म्युनिसिपल कांउसिलर शेख मोहिउद्दीन को सरकारी क्वार्टर खाली करने का निर्देश दिया। सभी क्वार्टर माननीयों को खन्नाबल, अनंतनाग में हाउसिंग कालोनी में आबंटित थे।