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शंभूपुरा बन रहा सट्टा कारोबार का अड्डा नेताओ की मिल रही श्रय, प्रसासन मौन।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चित्तोड़गढ़। जिले का एक छोटा सा कस्बा शंभूपुरा जो अब पूरी तरह से सट्टा कारोबार का अड्डा बन चुका है जिसने पहले भी कई जिंदगियां बर्बाद कर दी और अब आगे भी होगी इस बात से इंकार नही किया जा सकता है।
बता दे कि क्षेत्र में पिछले कुछ समय से शंभूपुरा में सट्टे का कारोबार जोरो पर है जिसमे बड़े तो बड़े लेकिन नाबालिक भी अपना जीवन बर्बाद करने कूद गए है जिससे उनकी जिंदगी यह सट्टा तबाह कर देगा इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है, जानकारी में यह भी सामने आया कि एक मात्र 14 वर्ष के बच्चे के सट्टा में अच्छे पैसे जितने के बाद उसकी लत लग गई जिसके बाद जिसने अभी पूरी दुनिया तक नही देखी वह हारने के बाद मोटे कर्ज में डूब गया है, वही क्षेत्र में चल रहे इस ऑनलाइन व ऑफलाइन सट्टेबाजी में अधिकांश युवा 18 से 25 वर्ष तक के ही है।

नेताओ की श्रय प्रसासन मौन

क्षेत्र में यह सट्टे का कारोबार पिछले कई समय से चल रहा है जिसमे क्षेत्र के करीब 100 से ज्यादा युवा जुड़कर अपनी जिंदगी और अपने घर बर्बाद कर रहे है जिनके माता पिता को इसकी भनक थ नही, बताया जा रहा कि इस सट्टा कारोबार को जनप्रतिनिधियों की श्रय मिली हुई है जिससे बर्बादी का यह खेल खेलने वाले ओर खिलाने वाले दोनों बेखोब होकर क्षेत्र की युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहे है, वही यह सब होने के साथ ही पुलिस प्रसासन जैसे कानो में रुई डाले बैठा है, जिससे ऐसे लोगों के हौंसले ओर बुलंद होते जा रहे है।

कई युवा कर चुके आत्महत्या, यह भी हो सकते है कारण

क्षेत्र में पिछले कुछ समय मे करीब आधा दर्जन से अधिक युवा आत्महत्या कर चुके है इसमें से अधिकांश के मरने की वहज कर्जा बताया जा रहा है जो सम्भवतः सट्टा से जुड़ा होना भी बताया जा रहा लेकिन प्रसासन ने कभी इसकी जांच करना तक जरूरी नही समझा।

कनपट्टी पर बंदूक रखकर वसूले जा रहे पैसे फिर प्रसासन कुम्भकर्णी नींद सो रहा क्या

सबसे बड़ी बात तो यह कि क्षेत्र में प्रशासनिक व्यवस्था भी संदेह के घेरे में लग रही क्योकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में एक व्यापारी द्वारा सट्टे में मोटी रकम हार जाने के बाद मना करने पर उसके घर पर आकर कनपट्टी पर बंदूक रख पैसे वसूले गए जो कि यह सब पुलिस की नाक के नीचे हुआ लेकिन जैसे प्रसासन तो कुम्भकर्णी नींद सो रहा है।

ऑनलाइन सट्टा, बुकी ये सब छोटे से कस्बे को तबाह करने का सामान, आदित्य सीमेंट भी जिम्मेदार

क्षेत्र में बढ़ती जा रही गरीबी भुखमरी का एक सबसे बड़ा कारण आदित्य सीमेंट प्लांट भी बन रहा है क्योकि कई बार यहां स्थानिय युवाओं को रोजगार पर लगाने की मांग होती रही लेकिन यह भी राजनीतिक दबाव के चलते कभी जरूरतमंद को नोकरी पर रखते नही दिखे वही दूसरी ओर क्षेत्र में कुछ बुकी जो नई पीढ़ी को लाखों रुपये लगवाकर ऑनलाइन सट्टा खिलवा रहे है ये किनकी श्रय पर ये सब कर रहे पुलिस कभी इन तक नही पहुची लेकिन ये बुकी ओर सट्टा के ठेकेदार जरूर रोज सुबह हारे हुए लोगों के घर पैसे मांगने पहुच रहे है।

क्या ओर घटनाओं के बाद जागेगा प्रसासन

शंभूपुरा कस्बे सहित क्षेत्र में कई ऐसी दुखद घटनाएं हुई जिसमे कई परिवार दबाह हो गए, इस कर्जे की मार से किसी ने अपना बेटा तो किसी ने अपना भाई और किसी ने अपना पति तो किसी ने अपना पिता खो दिया लेकिन प्रसासन के कानों जु तक नही रेकी।

कई गुलाबी कागज से मित्रता तो नही हो गई

क्षेत्र में ऐसे ही आत्महत्या के मामलों में नामजद रिपोर्ट भी पुलिस को मिली लेकिन कोई कार्यवाही करने के बताये लगता है गुलाबी कागज से मित्रता हो गई जिसके चलते आज भी वो फाइलें थाने में धूल खा रही और साहब एसी की हवा, ओर परिवार बेठे के गम में डूबा बमुश्किल अपना जीवन यापन कर रहा।
बहरहाल क्षेत्र में ऑनलाईन व ऑफलाइन सट्टे का यह वटवृक्ष अपनी जड़ें फैला चुका है अब देखना यह है कि क्या प्रसासन इन पर लगाम लगा पायेगा या तबाही का यह खेल ऐसे ही चलता रहेगा, यह तो समय के गर्त में है।

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