वीरधरा न्यूज़।चित्तोड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। शांति भवन सेंती में सामायिक विषय का प्रतिपादन करते हुए श्रमण संघीय आचार्य सम्राट डाॅ.शिवमुनि की आज्ञानुवर्ती महासाध्वी उपप्रवर्तिनी श्री वीरकान्ता जी की सुशिष्या डाॅ. अर्पिता जी ने कहा कि समत्व में अवास्थिति ही सामायिक है। समत्व को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि चित की वह अवस्था जिसमें राग, द्वेष, ईष्र्या, द्रोह आदि और विषय तथा विकारी कृतियों को उत्तेजित करने वाले विकारी भावों का अभाव हो। मानव मन बड़ा चंचल है, इधर उधर भटकता रहता है। इस चंचल मन को स्थिर करना, साम्यावस्था में लाना और समत्व की भावना में लीन करने की अद्भूत क्रिया का नाम सामायिक है। सामायिक शब्द से ही समत्व का सम्पूर्ण प्रयोग का भाव अन्तनिर्हित है। सामायिक तीन शब्दों को मिलाकर बना है। सम + आय+इक, आत्मा की वह दशा जहाँ राग, द्वेष आदि विकारी भावों का अभाव, समभावों की लाभ प्राप्ति के लिए की जाने वाली क्रिया सामायिक है। सामायिक का अर्थ है पाप पूर्ण अनैतिक क्रिया से अपने आपको अलग करना। समत्व सुखी जीवन की कला है। विपरीत परिस्थितियों में भी समत्व का साधक अपना मानसिक संतुलन नहीं खोता, शांत व स्थिर चित्त से उन परिस्थितियों का समाधान खोजता है। समत्व की साधना की प्रक्रिया का नाम है सामायिक जैन धर्म का विशिष्ठ शब्द है। इस साधना में मन, मस्तिष्क की वृतियों का मार्गान्तरीकरण किया जाता है। समस्त पापकारी प्रवृतियों का त्याग है सामायिक। मन की चंचलता को सामायिक स्थिरता प्रदान करती है। यह एक आचरण है जो मन मस्तिष्क की विषमता को समता में समत्व में परिवर्तित कर देता है।
उन्होंने कहा कि सामायिक समता सिखाती है एक शुद्ध सामायिक से 925925925 शुभ कर्मों का बन्ध होता है और नरक गति का बन्ध क्षय हो जाता है। मन की चंचलता की स्थिरता अत्यन्त दुष्कर है परन्तु वचन और काया में स्थिरता आ जाये तो भी 66 प्रतिशत से साधक उत्तीर्ण हो जाता है। सामायिक से संयम आदि आत्म गुणों का विकास होता है। आत्मा में रहे हुए दुर्गुण नाश होकर सद्गुण प्राप्त होते हैं। परम शांति का अनुभव होता है। उन्होंने प्रेरणा दी कि दिन में दो घड़ी की सामायिक अवश्य करनी चाहिये। शेरे राजस्थान पू. प्रवर्तक रूपचन्द जी महाराज के जन्म जयंती के अवसर पर साध्वी वीना ने उने गुणानुवाद कर उनके जीवन चरित्र को अनुकरणीय बताया।
नवकार मंत्र जाप प्रभारी नरेश भड़कत्या ने बताया कि सोमवार 8 अगस्त के जाप 63 शिव शक्ति नगर, पार्वती गार्डन के पास स्थित विमला, आशीष, ममता सुराणा के आवास पर प्रातः 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक रहेंगे।