वीरधरा न्यूज़।बम्बोरी@श्री लोकेश जणवा।
बम्बोरी। सनातन हिंदू धर्म परंपराओं में होली, दीपावली एवं रक्षाबंधन जैसे मुख्य त्योहारों के साथ साधकों के लिए चार महत्वपूर्ण पर्व नव दुर्गा के रूप में प्रकट होते हैं। दो नवरात्रि प्रकट जो सामान्य ग्रृहस्थ लोगों के लिए साधना और आदिशक्ति मां दुर्गा गायत्री, सावित्री की साधना का पवित्र अवसर होता है। उसी प्रकार दो अवसर साधकों के लिए विशेष साधना करने के लिए गुप्त नवरात्रि के रूप में वर्णित और मान्यता प्राप्त हैं नवरात्रि के शुभ अवसर पर साधक शक्ति की उपासना कर शिव तक पहुंचाने का प्रयत्न करता है और शिव की कृपा प्राप्त करके संसार में सुख और शांति की कामना करते हुए जीवन की सफलता का वर प्राप्त करता है। गो गायत्री आध्यात्मिक शक्ति कलश पदयात्रा के दौरान आषाढी गुप्त नवरात्रि के समापन अवसर पर चित्तौड़गढ़ जिले की समस्त शक्तिपीठों को स्पर्श किए हुए शक्ति कलश के साथ प्रतापगढ़ जिले के बम्बोरी-रघुनाथपुरा मे स्थित प्रसिद्ध शिव स्थल गंगेश्वर महादेव पर गायत्री साधना के साथ पूर्णाहुति कर शिव और शक्ति का अद्भुत मिलन किया गया। यात्रा के प्रणेता गौ भक्त पंडित राधेश्याम सुखवाल ने बताया कि यह यात्रा सनातन हिंदू धर्म संस्कार एवं परंपराओं की लुप्त होती व्यवस्था को समाज में पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से 145 गांव का भ्रमण कर गंगेश्वर महादेव मंदिर पर पहुंची जहां पर विशेष पूजा साधना के साथ नवरात्रि विसर्जन कार्यक्रम किया गया। भारतीय संस्कृति और सनातन हिंदू धर्म का मुख्य आधार गंगा, गीता, गाय और गायत्री को माना गया है। समुद्र मंथन से 14 रत्न के साथ गौ माता प्रकट हुई और उसकी सेवा करने के लिए ऋषियों को प्रदान की गई। जिससे कि ऋषि यज्ञ कर सकें और यज्ञ से ही वृष्टि यानी कि वर्षा होती है और वर्षा से ही संपूर्ण जीवन चलता है पुरातन काल में गौमाता को ही सबसे बड़ा धन माना जाता था। किसी राजा की ताकत आर्थिक शक्ति गौ माताओं की संख्या के आधार पर ही तय की जाती थी, पुरातन काल से भारत की अर्थव्यवस्था का आधार गौमाता रही है जब तक गौ माता का पालन और दोहन शास्त्रोक्त विधि से होता था तब तक भारत विश्व गुरु व संसार की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में माना जाता था। उक्त विचार गौगायत्री आध्यात्मिक शक्ति कलश पदयात्रा के बिनोता प्रवास के दौरान श्री कृष्ण गोशाला बिनोता पर आयोजित धर्म सभा में गौ भक्त पंडित राधेश्याम सुखवाल ने किए वहां उपस्थित गौ सेवकों एवं गोपालको को गौ माता का महत्व एवं उसमें 33 करोड़ देवी देवताओं के निवास का महत्व बताते हुए कौशल गोसेवा हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर गौशाला अध्यक्ष विनोद दुबे के नेतृत्व में स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।इसके पश्चात यात्रा मण्डला चारण के लिए प्रस्थान किया सोमवार को यात्रा ढोरिया ग्राम में प्रवास करेगी इसके पश्चात जावदा होते हुए 13 जुलाई को निंबाहेड़ा नगर प्रवेश प्रातः काल 8:00 बजे मंडी चौराया शेखावत सर कब से होगा।