जिला प्रसासन ओर हिंदुस्तान जिंक ने नही की सुनवाई तो तपती धूप में पंचदेवला से कलेक्ट्रेट तक किसान कर रहा लोटन विद्या।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौरगढ़। हिंदुस्तान जिंक चित्तौड़गढ़ द्वारा 1990 में घोसुंडा बांध का निर्माण कराया गया तब घोसुंडा बांध के डूब क्षेत्र में पंच देवला सरलाई एवं 10-12 गांव की जमीन अवाप्ति की गई उसके पश्चात हिंदुस्तान जिंक एवं प्रशासन द्वारा 420 का लेवल 422 लेवल एवं 424 का लेवल बारी बारी से बढ़ाया गया एवं किसानों की जमीन अवाप्ति करते गए। उक्त समय जिला कलेक्टर, एडीएम भूमि अवाप्ति एवं तहसीलदार द्वारा किसानों के साथ में एक समझौता किया गया जिसमें प्रत्येक काश्तकार को 5 बीघा जमीन एवं प्रत्येक परिवार से हिंदुस्तान जिंक के अंदर रोजगार देने का लिखित में वादा किया गया इसके अलावा और भी अन्य प्रकार की शर्तें गांव में अच्छी सड़कें, रोड लाइटें एवं अन्य प्रकार की सुविधाओं का वादा किया गया लेकिन 30 से 35 साल गुजरने के बाद भी यहां तक की किसानों को न तो कोई 5 बीघा जमीन का एलॉटमेंट किया गया, ना ही बेरोजगार युवाओं को हिंदुस्तान जिंक के अंदर रोजगार दिया गया, 30 वर्षों से क्षेत्र का बेरोजगार युवा व किसान इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं इनकी सारी जमीनें घोसुंडा बांध के अंदर चली गई, ना तो कोई रोजगार मिला एवं दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं क्षेत्र के किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया गया लेकिन हिंदुस्तान जिंक एवं जिला प्रशासन के कारण किसानों का शोषण होता रहा और आज भी कोई उनकी सुनने वाला नहीं है।
हद तो यहां हो गई की डूब क्षेत्र का एक किसान शंकर लाल कुमावत जिसकी जमीन घोसुंडा बांध के डूब क्षेत्र के अंदर 30 वर्ष पहले चली गई लेकिन अभी तक इस किसान को मुआवजा नहीं दिया गया किसान दर-दर की ठोकरें खाकर इतना विवश हो गया कि पंच देवला का पुराना गांव हनुमान जी से आशीर्वाद लेकर चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्रेट तक अंतिम बार जिला कलेक्टर को अपनी विनती सुनाने के लिए 45 डिग्री तापमान की तपती धूप में ग्राम पंचदेवला के हनुमान जी मंदिर से लेकर जिला कलेक्ट्रेट तक लोटन विद्या द्वारा जिला कलेक्टर को अपनी विनती सुनाने जा रहा है।