न्यायाधीश मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण चित्तौड़गढ़ ने दुर्घटना में घायल को 11 लाख 30 हजार 222 रुपए देने का आदेश जारी किया।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।न्यायाधीश मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण चित्तौड़गढ़ अरुण जैन ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में दुर्घटना में घायल होने पर घायल प्रार्थी को 11 लाख 30 हजार 222 रुपए व इस राशि पर दिनांक 13 मई 2014 से ताअदायगी तक 6% वार्षिक ब्याज भी क्षतिपूर्ति राशि दिलाए जाने का आदेश पारित किया।
मामले के अनुसार धरोल निवासी तंवर सिंह राजपूत ने अधिवक्ता योगेश व्यास के जरिए एक क्लेम प्रार्थना पत्र अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत कर यह बताया की वह दिनांक 14 अक्टूबर 2013 को रात को 10:30 बजे के लगभग अपनी मोटरसाइकिल नंबर आरजे 09 SN 01 18 को लेकर सीमेंट फैक्ट्री से अपने घर पर जा रहा था कि भारत गैस गोदाम के पास कन्नौज रोड पर सामने से आती हुई मोटरसाइकिल को उसके चालक ने तेज गति व लापरवाही से चलाकर प्रार्थी की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे इस दुर्घटना में प्रार्थी के काफी गंभीर चोटें आई जिसको मौके से चित्तौड़गढ़ अस्पताल ले जाया गया जहां से उसकी हालत सीरियस होने से उसे उदयपुर रेफर किया जहां पर वह भर्ती रहा और वह दुर्घटना के पश्चात शारीरिक रूप से कार्य करने में असक्षम हो गया तथा वक्त दुर्घटना वह आदित्य सीमेंट फैक्ट्री शंभूपुरा में ठेकेदार के नियोजन में कार्य करता था।
अधिकरण के समक्ष बीमा कंपनी द्वारा यह बताया गया कि इस दुर्घटना में घायल प्रार्थी स्वयं किसी अज्ञात वाहन से टकराकर अथवा स्लिप होकर गिर पड़ने से यह दुर्घटना कारीत हुई है और प्रार्थी के द्वारा 24 घंटे बाद नाजायज तौर पर क्लेम उठाने की नियत से पुलिस विभाग व अन्य वाहन से मिलीभगत कर यह झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है इस कारण प्रार्थी कोई क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।
अधिकरण के न्यायाधीश अरुण जैन के समक्ष बहस के दौरान घायल प्रार्थी को अधिवक्ता योगेश व्यास ने प्रस्तुत कर बताया कि वर्तमान में घायल प्रार्थी जिसके कि इस दुर्घटना में गंभीर चोटें आई है वह कार्य करने में शारीरिक रूप से स्थाई तोर पर अयोग्य हुआ है जिसका स्थाई अयोग्यता का प्रमाण पत्र भी उदयपुर महाराणा भोपाल चिकित्सालय के मेडिकल बोर्ड से बनवा कर अधिकरण के समक्ष पेश किया है जिस में भी बोर्ड के द्वारा प्रार्थी के 55% की स्थायी अयोग्यता व्याप्त होना माना है।
अधिकरण के न्यायाधीश अरुण जैन ने अपने निर्णय में यह माना कि वक्त दुर्घटना घायल प्रार्थी के गंभीर चोटें आने की वजह से वह शारीरिक रूप से असक्षम हुआ है और उसकी चोटों को देखते हुए भविष्य में भी उसको आय की हानि होगी, इस प्रकार घायल प्रार्थी को इलाज के दौरान करवाए गए उपचार तथा इलाज के दौरान किए गए बेड रेस्ट और शरीर में आई चोटों की वजह से जो स्थायी अयोग्यता व्याप्त हुई है उन सभी को मिलाकर कुल 11 लाख 30 हजार 222 रूपये मय 6% वार्षिक ब्याज के क्षतिपूर्ति राशी प्राप्त करने का अधिकारी है। यह राशि प्रार्थी को देने का आदेश जारी किया गया।